प्रबंध संचालक राकेश शर्मा ने बताया कि हादसे के दौरान अन्य गार्ड बूथ पर गेट की तरफ खड़े थे। जबकि भूपेन्द्र पीछे की ओर था। सिलेण्डर फटने के बाद उसका टुकड़ा बूथ पर रखी टेबल के नीचे से होता हुआ भूपेन्द्र के सिर पर लगा। शर्मा ने कहा कि गार्ड के परिजनों की मदद की जाएगी।
फ्रीऑन गैस, दूध को ठण्डा करने के लिए रखे गए फ्रिज में काम आती है। प्लांट में 70 किलो के बड़े सिलेण्डर होते हैं। 10 किलो के छोटे सिलेण्डर गांवों में बल्क मिल्क कूलर सेंटरों पर भेजे जाते हैं। इनमें तीन किलो फ्रीऑन गैस भरी जाती है। शुक्रवार को फ्रीऑन गैस का सिलेण्डर बूंदी जिले के खीण्या गांव में बल्क मिल्क कूलर सेंटर पर भेजा जाना था, इसलिए गेट पर रखा था।