फलों की दुकान खोली, बेटी को बुलाकर दाखिला दिलाया
करीना के पिता भरत कुमार और चाचा करण कुमार कोटा में रहकर मजदूरी करते थे, लॉकडाउन के बाद काम ना होने के कारण उन्होंने फलों का दुकान किया, जिससे अब उनकी ठीक-ठाक कमाई हो जाती है। करीना के पिता बताते हैं कि वह मजदूरी करते थे। लॉकडाउन के बाद उन्होंने कोचिंग के सामने फलों का जूस बेचना शुरू कर दिया। सैकड़ों बच्चों को दूर-दराज से यहां पढ़ने आते देख, मेरी हमेशा से अपनी बच्ची को भी बुलाने की इच्छा रहती थी, लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम नहीं था। एक दिन हमारे दुकान के सामने की कोचिंग में हमने बात की तो उन्होंने फीस में रियायत देने की बात कही। बच्ची को बुलाया और दाखिला दिलाया। उसने JEE मेंस पास की है, आगे वह एडवांस की तैयारी करेगी।
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चाचा ने भी मेहनत की ताकि भतीजी का सपना ना टूटे
चाचा करण कुमार बताते हैं कि करीना का पढ़ाई कर कुछ बनना चाहती हैं। उसका बचपन से ही पढ़ाई में मन लगता है। लेकिन परिवार के आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होने के कारण वह 10 वीं कक्षा तक गांव के स्कूल में ही पढ़ी। 2023 में कोटा आई और पढ़ाई कर IIT की परीक्षा को पास किया है। वह अब आगे की परीक्षा को पास कर इंजीनियरिंग करना चाहती है। हमलोग भी हरसंभव प्रयास करेंगे कि वह अपने सपने को पूरा करे।