ट्रैप कैमरों में नजर आए जरख, लोमड़ी और सियार
रावतभाटा. भैंसरोडगढ़ वन्यजीव अभ्यारण क्षेत्र में शुक्रवार को वन कर्मियों ने वाटर होल्स सेंसस पद्धति से वन्यजीव गणना शुरु की। दोपहर को तेज बरसात के बावजूद वनकर्मी वाटर होल्स के निकट पेड़ों पर मचान बना कर 12 घंटों से ज्यादा समय तक वन्य जीवों की गिनती के लिए डटे रहे। 24 घंटे तक होने वाली वन्य जीव गणना शनिवार सुबह 8 बजे तक जारी रहेगी।क्षेत्रीय वनाधिकारी दिनेश नाथ ने बताया कि वाटर होल्स सेंसस पद्धित से 24 वाटर होल्स पोईन्ट निर्धारित किए। इस पद्धति में माना जाता है कि 24 घंटे में प्रत्येक वन्यजीव एक बार पानी पीने जरुर आता है। इसके चलते 24 वाटर होल्स पर 20 वन कर्मियों के साथ वन सुरक्षा समिति के सदस्य गणना में शामिल हुए। लॉकडाउन के चलते इस बार वन्यजीव प्रेमियों को गणना में शामिल नहीं किया। अभ्यारण क्षेत्र में 4 वाटर होल्स पर ट्रैप कैमरें लगाए।इन ट्रैप कैमरों में जरख, लोमड़ी, सियार, निलगाय, खरगोश, मगरमच्छ, सारस, मोर, गिध्द, पाटागोह, नेवला समेत अलग-अलग प्रजातियों के वन्यजीव नजर आए। अभ्यारण क्षेत्र में करीब एक दर्जन पैंथर मौजूद है। फिलहाल ट्रैप कैमरें एक भी पैंथर नजर नही आया। हालांकि गणना के दो दिन पूर्व वनकर्मियों ने अभ्यारण क्षेत्र में पैंथर विचरण करते देखा था। शनिवार सुबह 8 बजे तक गणना पूरी होने तक वन कर्मी वाटर होल्स पर पानी पीने आए वन्य जीवों की संख्या दर्ज करेंगें।