अमरीका में मां दुर्गा की पूजा के साथ यज्ञ-हवन और गरबे की धूम… आश्चर्य चकित करने वाली बात लगती है, लेकिन हैरत तो तब होती है जब 20 लाख प्रवासी भारतीयों के साथ इतने ही अमरीकी इस त्यौहार को धूम-धाम से मनाते हुए दिखाई पड़ते हैं। संयुक्त राज्य अमरीका के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र के राज्य फ्लोरिडा का एक बेहद खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन सिटी फोर्ट लॉडरडेल तो इन दिनों भारतीय संस्कृति के रंग में ऐसा रंगा है कि आपको दशहरे पर ही दीपावली का ऐहसास होने लगेगा। अप्रवासी भारतीय यहां अनूठे अंदाज में दशहरा मनाते हैं। पहले भगवान राम की पूजा होती है और फिर बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रावण का वध। इसके बाद शुरू होता है उल्लास का वो दौर जो हिंदुस्तान में सिर्फ होली पर ही दिखाई पड़ता है।
दशहरे पर खेलते हैं गुलाल फोर्ट लॉडरडेट में बड़ी संख्या में भारतीय बसे हुए हैं, जो बड़ी धूम-धाम से अपने तीज-त्यौहार मनाते हैं। बस इन त्यौहारों का स्वरूप थोड़ा रोचक जरूर हो जाता है। अपनी खूबसूरती से दुनिया भर के पर्यटकों को लुभाने वाले फोर्ट लॉडरडेट शहर में बसे भारतीयों का दशहरा महोत्सव भी बेहद अनूठा है। सुबह सबसे पहले भगवान राम के बाल स्वरूप का पूजन होता है और फिर दिन भर उनकी लीलाओं का मंचन। जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस त्यौहार के रंग और चटख होने लगते हैं। प्रतीकात्मक रूप से रावण का वध करने के बाद भारतीय और अमरीकी लोग जमकर होली खेलते हैं। अरे… पानी वाली नहीं, सिर्फ सूखे प्राकृतिक रंगों की होली। जब सभी लोग रंगों से सराबोर हो जाते हैं तब शुरू होता है मस्ती का वो दौर जो पंजाबी बीट पर भारत की किसी भी कॉलोनी में आमतौर पर देखने को मिलता है। पंजाबी गानों पर यह लोग तब तक डांस करते हैं जब तक कि थक कर चूर ना हो जाएं।
हवन-पूजन और गरबा हवन कुंड और उसके चारों ओर धोती-कुर्ता और साड़ियां में आसन लगाए लोगों को हवन करते हुए देख आपको अपने घर के आसपास होने वाली विशेष पूजा, यज्ञ या हवन का ऐहसास होने लगेगा, लेकिन जनाब यह किसी भारतीय शहर का दृष्य नहीं है। यह अमरीका में बसे वो भारतीय हैं जो हर भारतीय की तरह पूरी श्रदा और आस्था के साथ मां दुर्गा का पूजन कर रहे हैं। फोर्ट लॉडरडेट में दुर्गा अष्टमी भी बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। पूरे दिन हवन-पूजन चलता है और शाम को हर भारतीय शहर की तरह यहां भी गरबा खेला जाता है। अमेरिका में गरबे की धूम और उल्लास का अंदाजा आप इस वीडियो को देखकर लगा सकते हैं। न ताल में कोई कमी है और ना ही लय में… सबकुछ गुजरात या देश के दूसरे हिस्सों में होने वाले शानदार गरबा आयोजन जैसा ही लगता है।