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एमबीएस-जेकेलोन में उन्हें कोई संभालने वाला तक नहीं था। ऐसे में मरीज और तीमारदार भटकते नजर आए। हालत दो बजे बाद और खराब हो गई जब रेजीडेंट्स भी हड़ताल पर चले गए। एमबीएस, जेके लोन व न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वार्ड में दोपहर 2 बजे बाद रेजीडेंट डॉक्टर्स के नहीं आने से मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया।
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एमबीएस: भटकते रहे मरीज एमबीएस में बाहर से रैफर होकर आए मरीजों को संभालने वाला कोई नहीं था। उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा था न कोई रिस्पॉन्स मिल रहा था। रानीपुरा बूंदी निवासी कालूलाल को बूंदी से एमबीएस कोटा रैफर किया था, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे वापस घर भेज दिया, भर्ती नहीं किया। परिजनों ने बताया कि बूंदी से यहां भर्ती करने के लिए भेजा था। लेकिन यहां दवाएं लिख दी और वापस भेज दिया जबकि मरीज की स्थिति खराब है।
गर्भवती महिलाएं
प्रसव पूर्व जांच कराने जा रही हैं तो पहले पढ़े ये खबर जेके लोन: एक ही डॉक्टर ने संभाली इमरजेंसीजेके लोन चिकित्सालय में गुरूवार को एक ही शिशु रोग विशेषज्ञ ने व्यवस्था संभाली। वहां लम्बी कतारों के चलते मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। कई परिजन तो अपने बच्चों को लेकर वहां से चले गए। रेजीडेंट डॉक्टर्स के 2 बजे बाद हड़ताल पर जाने से चिकित्सा व्यवस्थाएं यहां भी चरमरा गई।