संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने धारीवाल ने विधानसभा में सावरकर की किताब का हवाला देते हुए कहा कि गाय बहुत लाभदायक, लेकिन उसको पूजना यूजलैस है।
धारीवाल ने यह बातें सोमवार रात को पुलिस, न्याय आदि मांगों पर जवाब देते हुए विधानसभा में कही। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में रहना होगा तो हिंदू बनकर रहना होगा के नारे के कारण झगड़े होते हैं। जबकि विनायक दामोदर सावरकर ने अपनी किताब में हिंदुत्व की अलग अवधारणा दी थी। इसके आधार पर बाद में आरएसएस और हिंदू महासभा की स्थापना हुई थी। हालांकि इससे पहले मुस्लिम लीग बन चुकी थी और वो धर्म के नाम पर अलग देश की मांग कर रही थी, इसलिए प्रतिक्रिया होनी स्वभाविक था। सावरकर ने हिंदुत्व की जो परिभाषा दी थी, उसे मोहन भागवत ने बदल दिया। सावरकर की किताब का हवाला देते हुए धारीवाल बोले कि गाय लाभदायक पशु, लेकिन उसे पूजे जाने में कोई सेंस नहीं है। पूजा तो सुपर ह्यूूमन को जाता है, पशुओं को पूजना व्यर्थ है। इस पर भाजपा के विधायकों ने विरोध जताया तो धारीवाल ने कहा कि हमें इन चीजों को बर्दाश्त करना चाहिए।