जिंदगी की जंग जीत घर लौटेंगे सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता, स्वागत को उतावला हुआ कोटा
बोले- पुकार रहा है मेरा कर्म कोटा एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सीआरपीएएफ कमांडेंट चेतन चीता ने फिर से बॉर्डर पर जाने की ख्वाहिश जताई। जब उनसे पूछा गया कि वह फिर से लड़ना चाहते हैं तो जोरदार ठहाका लगाते हुए बोले- ‘ये तो मेरा कर्म है और मैं अपने कर्म से तब तक पीछे नहीं हट सकता, जब तक मेरे शरीर में खून का एक भी कतरा बाकी है।’ चीता ने कहा कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ होकर अपनी बटालियन को ज्वाइन करेंगे और कश्मीर जाकर एक बार फिर दुश्मनों के हौसले पस्त करेंगे।
लखवी के आतंकी भांजे को मौत की नींद सुलाने वाले चीता ने 40 दिन कोमा में रहने के बाद मौत को दी ऐसे मात
शुक्रिया कोटा आपकी दुआओं से ही जिंदा हूं कोटा पहुंच कर सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन कुमार चीता ने उनकी जिंदगी की दुआएं करने वाले कोटा ही नहीं पूरी देश के लोगों का आभार जताया। चीता ने कहा कि दुआओं का ही असर है जो 40 दिन कोमा में रहने के बाद मेरी जान बच गई। उन्होंने कहा कि कोटा हमेशा ही मेरे दिल में बसता है। यहीं खेला, पढ़ा और जवान हुआ हूं। इसलिए इस शहर से मेरा लगाव कभी खत्म नहीं हो सकता। यह लगाव उस वक्त और बढ़ गया जब पता चला कि मैं जब तक हॉस्पिटल में रहा यहां के लोग मेरे जीने की दुआ करते रहे। इस कर्ज को में कभी उतार नहीं सकूंगा।