निगम बोर्ड के 3 साल पूरे: हकीकत की जमीन पर पस्त हो गए निगम के वादे
समाजकंटकों की पनाहगाह इन सामुदायिक भवन में दिनभर समाजकंटक जमे रहते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां दिनभर शराबियों का जमावडा रहता है। यहां जुआ, सट्टा व और अवैध गतिविधियां आम बात है। पशुपालक यहां मवेशी बांधते हैं। आबादी के बीच अवैध गतिविधियां रहवासियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं।अनूठी पहल: कचरा संग्रहण का कारगर तरीका, रेस्टोरेंट की झूठन से बना रहे बॉयो गैस
लोगों से होती है अवैध वसूली राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के अंतर्गत 26 सितम्बर 2004 को कोटड़ी गोरधनपुरा सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया गया था। सामुदायिक भवन का संचालन नगर निगम को करना था, लेकिन निगम ने कभी इसकी सुध नहीं ली। समाजकंटक ही इस सामुदायिक भवन का किराया वसूल रहे हैं। इन 13 सालों में निगम को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो चुकी है।तेजी से फैल रहा वीसी का ज़ाल, आम जन बेहाल और मुनाफाखोर मालामाल
और भी कई बंद पड़े निगम के पास 20 सामुदायिक भवन हैं, जिसमें विकास भवन श्रीपुरा, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, इन्द्रगांधी नगर, महाराजा सूरजमल महावीर नगर, बापू कॉलोनी के सामुदायिक भवन बंद पड़े हैं। राजस्व समिति के अध्यक्ष महेश गौतम ने कहा कि निगम के सामुदायिक भवनों को समाजकंटकों से मुक्त कराया जाएगा और उन्हें राजस्व समिति के रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा। पूर्व में भी निगम ने चार भवनों को मुक्त कराया है।अध्यक्ष महेश गौतम