रास नहीं आई सुरक्षा व्यवस्था कॉलोनी निवासी महिला रेखा शुक्ला, मंजू जांगिड़ ने बताया कि हमने सुरक्षा के लिहाज से लोहे के गेट लगवाए थे, ताकि असामाजिक तत्व कॉलोनी में नहीं आ सकें। आ जाएं तो वह आसानी से निकल नहीं सकें। हमारी सुरक्षा व्यवस्था कुछ लोगों को रास नहीं आई। न जाने किसने शिकायत कर दी। इस पर यूआईटी कर्मचारी पुलिस बल के साथ आए और हटा कर चले गए।
नाराज हुई महिलाएं नाराज महिलाओं ने आरोप लगाया कि शहर की अन्य कॉलोनियों में भी तो गेट लगे हैं। उन्हें क्यों नहीं तोड़ा जा रहा। हमारा गेट बंद है तो इससे लाेगों को क्या तकलीफ है। और यदि तकलीफ भी थी तो जब घर पर सब होते हैं तब आकर बात करते। दोपहर में आ कर गेट तोडने का क्या मतलब है। हमारी जिम्मेदारी कोन लेगा।
सम्पर्क पोर्टल पर की शिकायत दूसरी और स्थानीय लाेगों का कहना है कि गेट बंद होने से आने-जाने वालों को परेशानी होती है। कई बार बहुत लंबा घूम कर जाना पड़ता है। इससे पहले भी लाेगों ने इस पर विराेध जताया था। लेकिन यहां रहने वाले दिन में भी गेट बंद कर लेते है। इस बारे में यूआईटी के पटवारी सत्यनारायण जांगिड़ ने बताया कि सम्पर्क पोर्टल पर किसी ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके निस्तारण के लिए आदित्य आवास व सुखधाम कॉलोनी में लगे करीब आधा दर्जन गेट खुलवाए गए।