उल्लेखनीय है कि
कोटा में मानसून की अच्छी बारिश हो चुकी है। इसके चलते सावन से पहले कोटा में बारिश का आधा कोटा पूरा हो चुका है। कोटा शहर की मानसून सीजन की औसत बारिश 716.6 एमएम है। औसत बारिश के मुकाबले कोटा में अभी तक 421.6 एमएम बारिश हो चुकी है।
इधर, जिले के सुल्तानपुर कस्बे में
मानसून सीजन की पहली झमाझम बारिश से लोगों को खासी राहत मिली। यहां डेढ़ घंटे, पीपल्दा, इटावा समेत अन्य जगहों पर पौने घंटे मूसलाधार बारिश हुई। बारिश के दौरान बादल गरज-गरजकर बरसे। बिजली चमकती रही। नालों में उफान आ गया। सड़कों पर एक फीट तक पानी बह निकला। घरों की छतें टपकने लगी। उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली। यह बारिश फसलों के लिए अमृत के समान है। धान, सोयाबीन, उड़द के लिए बारिश की आवश्यकता थी। अयाना कस्बे में बूंदाबांदी हुई।
दिनभर उमस के बाद शाम को बरसे मेघ (Rain In Rajasthan)
बूंदी जिले में दिनभर बादल छाए रहे। बूंदी शहर में शाम करीब छह बजे पन्द्रह मिनट बारिश हुई। सड़कों पर पानी बह निकला। बारिश के बाद लोगों को उमस व गर्मी से राहत मिली। देवरी पुलिया पर चली चादर
बारां शहर समेत जिलेभर में उमस से लोग बेहाल रहे। सुबह से ही बादलों की आवाजाही रही। कुछ स्थानों पर दोपहर बाद बरसात होने से उमस से मामूली राहत मिली। बीते 24 घंटे में सर्वाधिक बरसात बारां में 26 एमएम हुई। छबड़ा में 25, छीपाबड़ौद में 13, अटरु में 12, अन्ता में 12, किशनगंज में 3 एमएम हुई। देवरी इलाके में हुई बारिश से नदियों में पानी की आवक हुई और मप्र से भी पानी आने के चलते यहां पुलिया पर चादर चलने लगी। भंवरगढ़ में दोपहर बाद तेज मेघ गर्जना के साथ हुई बरसात के दौरान बिजली गिरने से बोरेन प्रथम गांव स्थित बाबा रामदेवजी मंदिर का गुंबद क्षतिग्रस्त हो गया। झालावाड़ में गर्मी व उमस रही।
आगे ऐसा रहेगा मौसम (Weather Forecast)
IMD Alert: मौसम केन्द्र के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र शुक्रवार को तीव्र होकर डिप्रेशन में परिवर्तित हो चुका है। इस तंत्र के प्रभाव से पूर्वी राजस्थान के कुछ स्थानों पर आगामी दिनों में बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। पूर्वी राजस्थान में 21-22 जुलाई को बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने तथा कोटा, उदयपुर, जयपुर, अजमेर तथा भरतपुर जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है।