एस्ट्रोलॉजी से अलग यह वैज्ञानिक तकनीक है। इसमें फिंगरप्रिंट से बच्चे का ‘इंटेलीजेंसलेवल’ पता चलता है। चूंकि फिंगरप्रिंट और दिमाग के बीच गहरा तालमेल होता है, इसलिए टेस्ट की रिपोर्ट लगभग सही निकलती है। मल्टीपल इंटेलिजेंस टेस्ट में बच्चे की फिंगरप्रिंट पैटर्न से कोड्स जनरेट होते हैं। इन्हें सॉफ्टवेयर में जनरेट किया जाता है। उसके बाद मैनुअल रिपोर्ट तैयार होती है। यह जन्मजात क्षमता को समझने में मदद करता है।
जापान में तैयार किया गया डीएमआइटी डीएमआइटी एक्सपर्ट विष्णु खत्री के मुताबिक यह मल्टीपल इंटेलिजेंस टेस्ट है। इसका सॉफ्टवेयर जापान में तैयार हुआ। चीन के 95 स्कूलों में इसका प्रयोग किया जाता है। भारत में यह पांच साल से चल रहा है। राजस्थान में जयपुर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। यह टेस्ट ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों मोड पर होता है। कोटा के करीब 10 स्कूलों में डीएमआइटी टेस्ट हो चुके हैं।
एक्यू और आइक्यू के देता है संकेत
एक्सपर्ट के मुताबिक डीएमआइटी टेस्ट से बच्चे का एक्यू (चुनौतियों के सामने की क्षमता), आइक्यू (बौद्धिक क्षमता), सीक्यू (भावनात्मक विधितता), इक्यू (रचनात्मकता) लेवल क्या है, इसका पता चल सकता है। इससे निर्धारित किया जाता है कि बच्चा किस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करेगा और किस प्रकार की शिक्षा उसे लाभ पहुंचाएगी।