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कोटा

ग्रामीण युवाओं एवं प्रवासियों की कार्य क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षित करेंगे

– कृषि विश्वविद्यालय की कृषि आधारित कौशल उन्नयल में बदलाव पर हुआ ऑनलाइन टॉक शो

कोटाJun 29, 2020 / 11:34 pm

Ranjeet singh solanki

ग्रामीण युवाओं एवं प्रवासियों की कार्य क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षित करेंगे

ग्रामीण युवाओं एवं प्रवासियों की कार्य क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षित करेंगे

कोटा. कृषि विश्वविद्यालय कोटा की ओर से सोमवार को कृषि आधारित कौशल उन्नयन में बदलाव के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन टॉक शो आयोजित किया गया। विशेषज्ञों की चर्चा में सामने आया कि युवाओं को एग्रो बेस से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से ग्रामीण युवाओं एवं प्रवासी मजदूरों की कार्य क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाएगा। विश्वविद्यालय के प्राथमिकता निगरानी एवं मूल्यांकलन निदेशालय की कृषि आधारित उद्यमिता के नए आयाम विकसित करने के लिए आयोजित टॉक शो में आयोजक डॉ. ममता तिवारी (निदेशक, प्राथमिकता निगरानी एवं मूल्यांकन) ने बताया कि इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं व प्रवासी मजदूरों में कृषि उद्यमिता के विकास करने के लिए विभिन्न अवसर व संभावनाएं तलाशना था। अध्यक्षता कुलपति डॉ. डी.सी. जोशी ने की। कुलपति ने उद्यमिता विकास के लाभ व आने वाली समस्या की विस्तृृत विवेचना की। उन्होंने यह भी बताया कि उद्यमिता के लिए भारत में कृषि का क्षेत्र सबसे उपयुक्त है। कुशल व अद्र्धकुशल युवा कृषि उद्यमिता को अपनाकर अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं, जिसके लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकता भी नहीं होती है व स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर फ सलों का प्रसंस्करण पूरा किया जा सकता है। टॉक शो में राष्ट्रीय स्तर पर 224 प्रतिभागी रहे। इसमें कि रिसर्च, एक्सटेशन व टीचिंग के कृषि वैज्ञानिक, कृषि पर्यवक्षक उद्यमी, किसान, ग्रामीण युवा, कृषक महिलाएं व कृषि क्षेत्र के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाए

अखिल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (प्रसार शिक्षा, आईसीएआर, नई दिल्ली) के अतिरिक्त महानिदेशक प्रो. वी.पी. चहल मुख्य वक्ता थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कृषि विश्वविद्यालय को एक सुनियोजित व कर्मठ विषय विशेषज्ञों की टीम बनाने की सलाह दी, जो कि मास्टर ट्रेनर के रूप में कृषि उद्यमिता पर कृषकों व कृषक महिलाओं को तैयार सके। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण युवाओं एवं प्रवासियों की कार्य क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षण दिए जाने चाहिए। डॉ. कमला महाजनी (गृह वैज्ञानिक) ने कार्यशाला का सारांश पेश किया। गृह वैज्ञानिक गुंजन सनाढ्य ने आभार जताया।

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