भैंसरोडगढ़ थानाक्षेत्र के मेहर मोहल्ला निवासी अख्तर हुसैन से रुखसार पुत्री पप्पू का विवाह हुआ था। विवाह के आठ माह बाद उसकी जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। इस मामले में भैंसरोडगढ़ पुलिस ने रुखसार की सास जमीला बानो पत्नी अब्दुल रशीद और पति अख्तर हुसैन पुत्र अब्दुल रशीद के खिलाफ हत्या का मुकदमा (एफआईआर संख्या 76/2016) दर्ज कर जेल भेज दिया। इसके बाद दोनों आरोपितों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट से लेकर हाईकोर्ट तक में जमानत के लिए अपील की, लेकिन गंभीर आरोपों को देखते हुए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रावतभाटा डॉ.संजय कुमार गुप्ता, अपरजिला एवं सैशन न्यायाधीश संख्या -2 चित्तौडग़ढ़ के न्यायाधीश गोपाल बिजोरीवाल और उच्च न्यायालय जोधपुर के जज पंकज भंडारी ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
फर्जी दस्तावेजों से ली जमानत सभी जगह से नाकामी हासिल होने के बाद दोनों आरोपितों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और उनसे जमानत हासिल की। चित्तौडग़ढ़ के अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश संख्या -2 न्यायाधीश की कोर्ट में प्रस्तुत वकालतनामे में हत्यारोपी सास जमीला बानो के पति का नाम अब्दुल रशीद से बदल कर शब्बीर हुसैन कर दिया गया। इतना ही नहीं न्यायालय में प्रस्तुत जमानत का प्रथम आवेदन बताते हुए पूर्वमें कोई आवेदन पेश या निरस्त नहीं होने का दावा किया गया। जिसके आधार पर न्यायालय से जमीला बानो पत्नी शब्बीर हुसैन को जमानत दे दी।
हाईकोर्ट में की शिकायत फर्जी दस्तावेजों से जमानत हासिल करने के मामले में रावतभाटा के अधिवक्ता अनिल शर्मा ने मुख्य न्यायाधिपति जोधपुर को पत्र लिखकर एडीजे संख्या 2 चित्तौडग़ढ़, के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने अधिवक्ता रतनलाल कुमावत, अपर लोक अभियोजक पूरणमल धाकड़, न्यायालय के फौजदारी बाबू व पेशकार के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।