संत के आगमन पर दानबाड़ी में समाज की ओर से वंदन अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया, इसमें संत के प्रति साधकों का अगाध श्रद्धा भाव देखते ही बना। दानबाड़ी में श्वेताम्बर जैन समाज के साथ दिगम्बर जैन समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व लोग भी उपस्थित थे। उन्होंने संत के प्रति अपने उद्गार व्यक्त कर महाश्रमण के चार दिन के प्रवास को कम बताते हुए कुछ दिन और प्रवास का निवेदन किया।
आचार्य महाश्रमण ने साधकों को जीवन के सूत्र बताए। कार्यक्रम में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी, कांग्रेस नेता पंकज मेहता, समाजसेवी अमित धारीवाल समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। प्रारंभ में महिलाओं ने मंगलगायन किया।
समय के मोल को समझो आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जीवन को सुखद बनाने के लिए समय के मोल को समझो। कम से कम सुबह उठने व रात को सोने का समय निर्धारित करो।उन्होंने कहा कि साधु का जीवन संयम का होता है, लेकिन गृहस्थ के लिए भी संयम जरूरी है। संयम का भाव हर क्षेत्र में जरूरी है। साधु के दर्शन व भगवान की कथा श्रवण दोनों ही दुर्लभ है। जीवन में कल्याण चाहते हैं तो ऐसे अवसर को हाथ से नहीं जाने दें। महाश्रमण ने बोलने में संयम का महत्व बताया। साथ ही कहा कि हमें क्या सुनना है? यह खुद को ही तय करना है। अच्छा सुने। अच्छा कहें। अच्छे को ही ग्रहण करें।
संगठित रहे समाज कार्यक्रम में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी शिकरत की। उन्होंने भी संत कुछ दिन और प्रवास का निवेदन किया। धारीवाल ने कहा कि महाश्रमण के आगमन से कोटा की धरा धन्य हो गई। उन्होंने श्वेताम्बर व दिगम्बर जैन समाज के संगठित होने की आवश्यकता बताई और कहा कि आज विशेष अवसर है, जब दोनों ही समाज एक साथ एकत्रित हुए हैं। महावीर जयंती पर भी यही भाव दिखना चाहिए। सभी मिलकर चलेंगे तो काफी कुछ बेहतर हो सकता है।
अहिंसा यात्रा में उमड़ा सैलाब नया गांव स्थित कौटिल्य कॉलेज सें अहिंसा यात्रा रैली निकाली गई। बैनर तख्तियों से सत्य,अहिंसा,धर्म,सदभावना व नशामुक्ति का संदेश दिया। आचार्य महाश्रमण व अन्य संत व साध्वियों के सान्निध्य में अहिंसा यात्रा रैली रावतभाटा रोड,दादाबाड़ी छोटा चौराहा,बड़ा चौराहा होते हुए दानबाड़ी पहुंची।
रखे विचार, लिया आशीर्वाद,की प्रार्थना तेरापंथी सभा के अध्यक्ष संजय बोथरा, महिला मण्डल की अध्यक्ष ऊषा बाफ ना, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष आनंद दुगड़, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष अशोक दुगड़, रवि बुच्चा, एमपी चतर, नरेन्द्र लोढ़ा, वर्धमान स्थानक वासी श्री संघ अध्यक्ष पंकज मेहता व विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी महावीर प्रसाद, संजय शाह, अन्य संगठनों के अशोक जैन, हनुमान दुगड़, बुद्धिप्रकाश जैन, रतनलाल जैन, मनोज जैन, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी ने संत के अभिनंदन में विचार व्यक्त किए। सकल दिगम्बर समाज के अध्यक्ष विमल जैन नांता, कार्याध्यक्ष जे के जैन, पार्षद मनोज टोंग्या समेत अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
20 दिन के हों पर्यूषण अध्यक्ष विमल जैन ने कहा कि श्वेताम्बर व दिगम्बर दोनों समाज के संगठन मिलकर 20 दिन के पर्यूषण पर्व मनाएं तो आनंद बरसेगा। चुटकी भर चंदन महक के लिए पर्याप्त
संत का कोटा में प्रवास बढ़ाने के अनुरोध पर दिनेश मुनि ने कहा कि कोटा के लोगों में अपार श्रद्धा है, लेकिन फिलहाल प्रवास को बढ़ाया नहीं जा सकता। समाज आगे के लिए प्रयास करे। अभी तो यह मान लें कि चुटकी भर चंदन की महक भी कम नहीं होती। उन्होंने प्रवचन में ण्मोकार महामंत्र की महिमा बताई।
लोकसभा अध्यक्ष का संदेश… महाश्रमण के कोटा आगमन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी समाज के लोगों के लिए संदेश भेजकर आचार्य महाश्रमण के प्रति उद्गार प्रकट किए। तेरापंथ धर्मसंघ के महामंत्री धर्मचंद ने लोकसभा अध्यक्ष का संदेश पढ़कर सुनाया। इसमें लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोटा में आचार्य महाश्रमण का आगमन खुशी का विषय है। शीतकालीन सत्र होने से मैं नहीं आ सका। गुरुवर को मेरी ओर से वंदन कर मंगल कामना करता हूं।
…तो मैं भूख हड़ताल कर दूंगा यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अपने उदबोधन के दौरान समाज के संगठन को लेकर कहा कि दिगम्बर व श्वेताम्बर जैन समाज को एक मंच पर होना चाहिए। दोनों समाज आगामी महावीर जयंती मिलकर नहीं मनाते हैं तो मैं दानबाड़ी के मुख्यद्वार पर भूख हड़ताल पर बैठूंगा। मुझे खुशी होगी जब एक ध्वजा के नीचे समाज महावीर जयंती मनाएगा।
शब्दों में मिठास जरूरी दोपहर महिला सशक्तिकरण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें समाज सेविका एकता धारीवाल, डॉ. रत्ना जैन व मुख्य वक्ता के रूप में प्रज्ञा मेहता शामिल हुई। उन्होंने कहा कि परिवार को जोडऩे के लिए व्यवहार में मधुरता जरूरी है। शब्दों से ही रिश्ते बनते व बिगड़ते है। डॉ. एकता ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति से बचें, परिवार के संस्कारों पर ध्यान दें। उषा बाफना, शिखा बाफना ,सुनीता जैन व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहीं।