स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर राजस्थान में बढ़ी सतर्कता, सरकार ने जारी की एडवाइजरी
राजस्थान सरकार ने जारी किया फरमान आरटीई के तहत बच्चों को दाखिला देने के बाद राजस्थान राज्य सरकार ने उनका आधार कार्ड जमा कराने का फरमान जारी किया है। आधार कार्ड जमा ना कराने पर निजी स्कूलों में उनका दाखिला रद्द कर दिया जाएगा। अचानक आए सरकार के इस नए फरमान से सैकड़ों बच्चों की जान आफत में पड़ गई है। जो बच्चे समय पर आधार कार्ड नहीं बनवा पाएंगे उनके परिजनों को मोटी फीस देकर बच्चों को पढ़ाना पड़ेगा, या फिर निजी स्कूलों से नाम कटवा कर सरकारी स्कूलों में दाखिला कराना पड़ेगा।पूर्व सरपंच को ब्लैकमेल कर रही थी महिला अधिकारी, फांसी लगाकर दी जान
6 दिन में दिखाने होंगे आधार कार्ड अचानक आए सरकार के इस फरमान पर शिक्षा विभाग ने अमल भी शुरू कर दिया है। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों का 3 से 10 अक्टूबर के बीच भौतिक सत्यापन किया जाएगा। बारां जिले के 274 प्राइवेट स्कूलों में 23 हजार 81 छात्र-छात्राएं आरटीई के तहत अध्ययनरत हैं। इन बच्चों का चयन लॉटरी के आधार पर 25 जून को हुआ था। भौतिक सत्यापन में आधार कार्ड, माता पिता का आय प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज देखे जाएंगे। इस दौरान यदि किसी छात्र-छात्रा के पास आधार कार्ड नहीं मिला तो उसका नि:शुल्क शिक्षा पाने का अधिकार छिन सकता है।सौभाग्य की बारिश करेगा हिंदू पंचाग का सबसे पवित्र महीना कार्तिक
पारदर्शिता का दे रहे हवाला शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आधार नंबर से प्रत्येक छात्र-छात्रा के दस्तावेजों को आरटीई पोर्टल पर आनलाइन किया जाएगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी। अपात्र छात्र-छात्रा अध्ययन नहीं कर पाएंगे। पात्रता रखने वाला छात्र-छात्रा को आसानी से प्रवेश मिल जाएगा। स्कूलों को गलत भुगतान की संभावना भी नहीं रहेगी। आरटीई प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रत्येक विद्यार्थी का भौतिक सत्यापन 3 से 10 अक्टूबर तक किया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई है। सभी सम्बंधित लोगों को जिम्मेदारियां दी गई है।सत्ता के नशे में चूर है सरकारः
सचिन पायलटबच्चों से पूछेंगे परेशानी अलग से टीमों का गठनभौतिक सत्यापन को लेकर अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें स्कूलों में जाएगी। टीम प्रत्येक छात्र-छात्रा के दस्तावेज तो देखेगी। साथ ही विद्यार्थियों से बातचीत भी करेगी। टीम बच्चों से यह भी पूछेगी कि उन्हें अन्य बच्चों से अलग अध्ययन तो नहीं कराया जा रहा है। या शिक्षकों का उनके प्रति बरताव कैसा है। उन पर किसी प्रकार का दबाव तो नहीं बनाया जा रहा है। इससे स्कूल की कार्य प्रणाली का भी पता चल जाएगा।