कहने को तो कोटा का सबसे बड़ा अस्पताल लेकिन इलाज तो दूर पानी को भी तरस रहे मरीज
परिजनों ने किया हंगामा बुधवार को बच्चों की मौत में उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजन बार-बार आरोप लगाते रहे कि बच्चों की मौत चिकित्सक की लापरवाही से हुई है। एक महिला मृत शिशु को लेकर बाहर बैठकर रोती रही। परिजनों ने लेबर रूम में डिलेवरी के दौरान स्टाफ से पैसे लेने का भी आरोप लगाया।OMG: हड़ताल पर गए चिकित्सकों ने ये क्या कर दिया की बन गई मिसाल
हड़ताल के चलते कोटा रेफर हो रहे मरीजग्रामीण क्षेत्र में सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के चलते वहां से बच्चों को कोटा रेफर किया जा रहा है। दूरदराज से आने में लोगों को देर हो रही है। वहीं बुधवार को रेजीडेंट चिकित्सकों की दो घंटे की पेनडाउन हड़ताल से भी इन बच्चों की मौत को जोड़कर देखा जा रहा है। इन बच्चों की मौत की जांच के लिए बनाई गई कमेटी में डॉ. ममता शर्मा, डॉ.पंकज सिंघल व नर्सिंग अधीक्षक धन्नालाल मीणा शामिल हैं।
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इनकी हुई मौत 1. नयापुरा निवासी उषा की नवजात बेटी : 5 नवम्बर को जन्मी, 6 को आईसीयू में भर्ती किया और रात को मौत। – परिजनों का आरोप : पैदा होने के बाद बच्ची ठीक थी, तबीयत बिगड़ी तो चिकित्सकों ने नहीं संभाला।#नोटबंदीः सोनम गुप्ता से भी बड़े बेवफा निकले साहब
अधीक्षक जेके लोन चिकित्सालय डॉ. आरके गुलाटी का कहना है कि बच्चों की मौत के मामले में डॉक्टर की लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। परिजनों की शिकायत पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो जांच कर रिपोर्ट देगी।