हत्याओं की बात करे तो वर्ष 2017 में 11 महीनों में अब तक 26 हत्याएं हो चुकी है, जिसने पिछले 5 साल के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। वर्ष 2013 से 2016 तक हर साल औसतन 19-20 हत्याएं होती रही हैं। इस साल 11 महीनों में 2६ हत्याएं हुई। अधिकतर हत्याएं छोटी-छोटी बातों पर हुई। पुलिस भले ही गश्त बढ़ाने, नाकाबंदी कर अपराधियों पर कार्रवाई के दावे करे, लेकिन सच तो ये कि ताबड़तोड़ बढ़ रहे अपराधों के बीच आम शहरवासी की सांसें अटकी हुई हैं।
इस साल 26वीं, 8 दिन में दूसरी हत्या
कोटा शहर के इस साल में ये 26वीं हत्या हुई है, वहीं आठ दिन में ये दूसरी हत्या है। पांच माह पहले रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र के कैलाशपुरी में बुजुर्ग दम्पत्ति की गुत्थी अभी तक पुलिस नहीं सुलझा पाई है। शुक्रवार को इसी थाना क्षेत्र में युवक को उपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया।
घर में घुसकर काटा दम्पति का गला
कैलाशपुरी में इसी साल 15 जुलाई की देर रात को रेलवे से सेवानिवृत्त इंजीनियर बजरंग लाल नरूका व उनकी पत्नी साधना नरुका की घर में घुसकर बेहरमी से गला रेतकर व चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गई। पांच माह बीतने के बाद भी पुलिस इस घटना का सुराग तक नहीं लगा सकी।
हाथ-पैर बांधकर वृद्धा का गला घोंट, जेव ले भागे किराएदार तलवंडी निवासी नेत्र विशेषज्ञ डॉ. एमएस सिंघवी की पत्नी प्रेमलता (69) की हत्या 8 मार्च को उन्हीं के मकान में किराए से रहने वाले कोचिंग छात्र ने दोस्तों के साथ मिलकर कर दी। प्रेमलता के हाथ-पैर बांधकर बेल्ट से गला घोंटकर मार डाला। हत्या के बाद आरोपी जेवर और कार लेकर फरार हो गए, जो यूपी के मथुरा से पकड़ में आए। तीनों हत्यारोपी नाबालिग थे। उन्होंन वृद्धा को इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उन्होंने उसके कोचिंग क्लास में नहीं जाने की उसके पिता से शिकायत की थी।
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बड़े भाई ने छोटे की फावड़े से की हत्या महावीर नगर थाना क्षेत्र में 6 मई 2017 को पप्पू लाल और छोटा भाई अजय देर रात साथ बैठकर शराब पी रहे थे। दोनों में कहासुनी हुई तो छोटे भाई ने बड़े पर चाकू से वार किया, वो बच गया तो बड़े ने छोटे पर फावड़े से वार करके उसकी हत्या कर दी। अजय ने पहले पप्पू को बीड़ी पीने से रोका तो उसने बड़े पर चाकुओं से वार किए। इससे नाराज बड़े भाई ने फावड़े से ताबड़तोड़ छोटे के सिर पर वार कर हत्या कर दी।