अमरूद खाने के लिए इस बार तरस जाएंगे, चीन ने रची है ऐसी साजिश जानकर हो जाएंगे हैरान
गुजराती दीयों की भी मांग मिट्टी के दीपक बनाने वाले मोहनलाल और कमला बाई बताते हैं कि कोटा शहर के विभिन्न क्षेत्रोंं में मिट्टी के दीपक बेचने वालों की 500 से अधिक दुकानें है। प्रत्येक दुकानदार दीपावली के सीजन में 5000 से अधिक दीपक बेच देता है। एेसे में एक मोटे अनुमान के मुताबिक शहर में दीपावली पर मिट्टी के 25 लाख दीपक जगमगाते हैं। दीपक का कारोबार अभी से ही शुरू हो गया है। कई लोग तो कच्चे दीपक खरीदते हैं। कई देसी पक्के दीपक खरीदते हैं। कुछ लोग गुजराती पैटर्न के दीपक भी खरीदना पसंद करते हैं जो वे गुजरात से मंगवाते हैं। हालांकि ये देसी की अपेक्षा महंगे होते हैं।
अमरीका में भी हुआ रावण का वध, राम नाम के जयकारों के बीच किया हवन, खेली होली
चाइनीज माल भी बिक रहा दुकानदार कहते हैं कि सभी विद्युत सजावटी सामान मेड इन इंडिया बिक रहा हैं। लेकिन बाजार में करीब 15-20 फीसदी सजावटी विद्युत उत्पाद मेड इन चाइना चमचमा रहा था। दुकानदारों का कहना है कि जो माल पुराना रखा था उसे ही बेच रहे हैं। नया माल नहीं लाए।
यात्रीगण कृपया
ध्यान देंः दिल्ली, पटना और झालावाड़ के लिए दीपावली पर चलेंगी 3 स्पेशल ट्रेनदिल्ली, अहमदाबाद, इंदौर से आता है सामान दुकानदार विनोद कुमार ने बताया कि कोटा में विद्युत सजावट का सारा सामान दिल्ली, अहमदाबाद, इंदौर से आता है। शहर में करीब एक दर्जन थोक व्यापारी है, जो साल भर यही काम करते हैं। करीब दो हजार रिटेलर हैं, जो दीपावली के सीजन में मात्र 15 दिन विद्युत सजावटी सामान बेचते हैं। प्रत्येक रिटेलर 20 हजार का कारोबार कर लेता हैं।