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कोटा

लालची व्यापारी बना ठगी का शिकार, करोड़ों कमाने के चक्कर में गंवाए 20 लाख

समाचार पत्र में विज्ञापन देखकर रावतभाटा का एक व्यापारी फर्जी कंपनी के चक्कर में आ गया और करोड़ों कमाने के लिए 20 लाख रुपए गंवा बैठा।

कोटाDec 24, 2017 / 09:22 am

​Zuber Khan

Fraud
रावतभाटा. समाचार पत्र में विज्ञापन देखकर रावतभाटा का एक व्यापारी फर्जी कंपनी के चक्कर में आ गया और 20 लाख रुपए गंवा बैठा। फर्जी कंपनी के डॉयरेक्टरों ने व्यापारी को लाभांश देने का प्रलोभन देकर डिपार्टमेंटल स्टोर खोलने के लिए कंपनी के खाते में 18 लाख रुपए डलवाने को कहा। व्यापारी ने यह राशि खाते में डाल दी। इसके बाद न कंपनी नजर आई न ही उसके डायरेक्टर। व्यापारी की ओर से मामला दर्ज कराने के बाद स्थानीय पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया।
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उसे न्यायालय में पेश करने पर न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए। रावतभाटा पुलिस ने बताया हरियाणा में गुडग़ांव की कंपनी एडविंस इंफ्रा एण्ड बेसिक एमिनिटीज लि. (एआईबीए) के एक दर्जन डॉयरेक्टरों में शामिल लालचौक नई दिल्ली निवासी हाल खानपुर नई दिल्ली वीके शर्मा उर्फ विजय कुमार शर्मा को उत्तर प्रदेश में रामपुर केन्द्रीय कारागृह से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर शनिवार को यहां एसीजेएम कोर्ट में पेश किया।
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व्यापारी को ऐसे फंसाया
फरियादी ने इस्तगासे में बताया कि समाचार पत्र में विज्ञापन देख वह कंपनी के ऑफिस गया। वहां 8 डायरेक्टरों ने उसे विश्वास दिलाया कि वह अपने प्रतापनगर स्थित मकान में कंपनी का डिपार्टमेंटल स्टोर खोल ले। हम तुम्हें स्टोर का डायरेक्टर बनाएंगे और स्टोर में सामान सप्लाई करने, बेचने की जवाबदारी हमारी होगी। हर माह उसे उसके लाभांश की राशि मिल जाएगी। इस पर उसने स्टोर बनवाना शुरू कर दिया। उसके बाद स्टोर में एयरकंडीशन, फैक्स, कंप्यूटर, सामान लगाने के लिए 20 लाख रुपए कंपनी के खाते में डलवाने की बात कही।
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एक अप्रेल 2008 से 4 नवम्बर 2009 तक फरियादी ने आरटीजेएस माध्यम से कुल 18 लाख रुपए की राशि कंपनी के खातें में ट्रांसफर करवा दी। दो लाख के चैक से भेजे। खाते में राशि पहुंचने बाद डायरेक्टरों ने फरियादी का फोन उठाना बंद कर दिया। एयरकंडीशन, फैक्स, कंप्यूटर आदि भी नहीं भिजवाए। पड़ताल की तो पता चला कि इस नाम की कोई कंपनी ही नहीं है।
पुलिस ने कंपनी के रिकार्ड जब्त कर जांच की तो पाया कि कंपनी के बैंक अकाउंट के एक दर्जन सदस्य हैं। इनमें अनील कुमार चौहान दुर्गानगर आगरा , दिव्यतोष दास मुरलीबाग आगरा, विकास मल्हौत्रा मल्कागंज दिल्ली, ईश्वरदीन चौधरी साकेत नई दिल्ली, ओम नारायण शर्मा पश्चिमी विहार नई दिल्ली, नरेन्द्र कुमार अरोड़ा रोहिणी न्यू दिल्ली, सिद्वार्थ शर्मा पश्चिमी विहार नई दिल्ली, सीमा मल्हौत्रा मल्कागंज दिल्ली, राजन शर्मा, वीके शर्मा शामिल हैं।
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एटीएम से निकाल ली राशि
आईसीआईसीआई बैंक का जो कार्ड व्लॉकनहीं हो पाया, उससे चोरों ने सुबह करीब नौ बजे दो बार में करीब साढ़े आठ हजार की राशि निकाल ली। खाताधारक के मोबाइलपर रकम निकासी का मैसेज आने परइस बारे में पता चला। पहली बार में चोरों ने पांच हजार व दूसरी बार में साढेतीन हजार रुपए निकाले। थानाइंचार्ज उदयराज सिंह ने बताया कि मामलेमें मुक दमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। चोरों का फिलहाल पता नहीं चला है।
जमानत अर्जी खारिज
मुख्य न्यायिक मजिस्टेट डॉ. संजय कुमार गुप्ता ने मामले को गंभीर प्रकृति का मानकर पेश जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। आरोपित को 5 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में सब जेल बेगूं भेजने के आदेश दिए। गौरतलब है कि नया बाजार निवासी फरियादी प्रदीप जैन ने आरोपित एमजी रोड़, गुडग़ांव एआईबीए कंपनी के डायरेक्टरों में गिरीश चंद्र, देवतोष वसु, वीके शर्मा के खिलाफ 4 जुलाई 2012 को कोर्ट में इस्तागासा पेश किया था। न्यायालय के आदेश पर स्थानीय पुलिस ने भादस धारा 406 ,420 में मामला दर्ज किया था।

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