गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बनेगा देश का 53वां टाइगर रिजर्व, एनटीसीए से मिली अनुमति
/Tiger Reserve: गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान (Guru Ghasidas National Park) और तमोर पिंगला अभयारण्य का एरिया होगा शामिल, छत्तीसगढ़ सरकार के नोटिफिकेशन के बाद अस्तित्व में आएगा, वर्ष 2019 में भेजा गया था प्रस्ताव
बैकुंठपुर. एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) से गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान सोनहत-कोरिया (छत्तीसगढ़) को टाइगर रिजर्व बनाने अनुमति मिली है। छत्तीसगढ़ सरकार के नोटिफिकेशन के बाद टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा और भारत का ५३वां टाइगर रिजर्व कहलाएगा।
गौरतलब है कि उद्यान का एरिया 1440.57 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें बाघ, तेंदुआ, नीलगाय सहित 32 प्रकार के वन्यजीव प्राणी विचरण करते हैं। कोरिया के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा के तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाया गया है। पहली बार टाइगर रिजर्व का पूरा क्षेत्रफल आया।
टाइगर रिजर्व के कोर जोन में 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर तथा बफर जोन में 780 वर्ग किलोमीटर का जंगल है। वहीं 2 हजार 829 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल टाइगर रिजर्व का हिस्सा होगा। छत्तीसगढ़ फॉरेस्ट की ओर से वर्ष 2019 में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था।
इसमें प्रस्तावित टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल नहीं था। एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथारिटी) से गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने अनुमति मिली है। छत्तीसगढ़ सरकार से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, भारत का ५३वां टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा। वर्तमान में चार टाइगर विचरण करते हैं। प्रदेश में 3 टाइगर रिजर्व अचानकमार, उदंती सीतानदी और इंद्रावती हैं।
IMAGE CREDIT: Tiger reserve Areaटाइगर रिजर्व में सेंसरयुक्त हाइटेक बैरियर से गुजरना होगा गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान की सुरक्षा के लिए सेंसरयुक्त हाइटेक बैरियर व सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मुख्य द्वार से उद्यान में प्रवेश करने से पहले कम्प्यूटर में गाड़ी की एंट्री व डिटेल फीड होने के बाद बाहर निकलने पर हाइटेक बैरियर ऑटोमैटिक खुल जाएगा। वहीं दो कैमरे से गाड़ी की नंबर प्लेट, गाड़ी की फोटो खींचेगीं और दो कैमरे से गाड़ी की आगे-पीछे की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी।
वर्ष 2019-20 में कैंपा मद (क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) से गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य गेट सोनहत व रामगढ़ में हाइटेक बैरियर लगाने करीब 8 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी। राष्ट्रीय उद्यान के बीच में रामगढ़ क्षेत्र बसा है। मुख्य गेट से रामगढ़ के बीच करीब 30 किलोमीटर की दूरी है।
इसी बीच चालक गाड़ी को स्पीड चलाते हैं। जबकि सिर्फ 20 किमी से गाड़ी की गति अधिक नहीं, हॉर्न नहीं बजाने का नियम है। इससे कई बार वन्यजीव प्राणी दुर्घटना के शिकार होते हैं। सीसीटीवी कैमरे लगने से आसानी से नजर रखी जा रही है कि मुख्य गेट से प्रवेश करने वाली गाड़ी को रामगढ़ बैरियर पहुंचने में कितना समय लगता है।
अविभाजित मध्यप्रदेश में संजय राष्ट्रीय उद्यान का था हिस्सा गुरु घासीदास नेशनल पार्क कोरिया जिले के बैकुंठपुर सोनहत मार्ग पर पांच किलोमीटर दूर स्थित है। 2001 से पहले यह संजय गांधी नेशनल पार्क सीधी(मध्यप्रदेश) का हिस्सा था। जिसका क्षेत्रफल 1440 वर्ग किलोमीटर है। पार्क के अंदर हसदेव नदी बहती है और गोपद नदी का उद्गम है।
वनौषधियों से घिरे पार्क में बाघ, तेंदुआ, गौर, चिंकारा, मैना आदि पाए जाते हैं। उद्यान क्षेत्र के भीतर 35 राजस्व गांव में चेरवा, पांडो, गोंड़, खैरवार व अगरिया जनजाति निवासरत हैं। टाइगर रिजर्व में शामिल होने वाले तमोर पिंगला अभयारण्य का क्षेत्रफल 608 वर्ग किलोमीटर है। अंबिकापुर से 94 किलोमीटर दूर उत्तर सरगुजा वनमंडल में संचालित है।
टाइगर रिजर्व बनाने की मिली है अनुमति एनटीसीए से गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइजर रिजर्व बनाने की अनुमति मिली है। राज्य सरकार का नोटिफिकेशन बचा हुआ है। नोटिफिकेशन के बाद टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा। आर. रामाकृष्णा वाई, डायरेक्टर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर
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