जानकारी के अनुसार तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में जून 2022 में कोरबा, कोरिया, एमसीबी व जीपीएम जिले के प्रत्येक विकासखंड में सांसद निधि से 15 एंबुलेंस दी गईं। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार व वनांचल क्षेत्रों में आपातकालीन में मरीजों को तत्काल राहत पहुंचाने एंबुलेंस चलने लगी। लेकिन उद्घाटन के बाद करीब एक साल आठ महीने बीत गए हैं।
कोरिया-एमसीबी (MCB) में चलने वाली पांच एंबुलेंस का आरटीओ में रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है। जिससे शासकीय पर्ची से बिना नंबर की एंबुलेंस को डीजल नहीं मिलता है। आरटीओ रजिस्ट्रेशन नहीं होने से बीमा भी नहीं करा रहे हैं। जिससे ड्राइवर भयभीत हैं और एंबुलेंस चलाने से इंकार कर दिया हैं। हालांकि संविदा ड्राइवर पर दबाव डालकर जबरन इसे चलाया जा रहा है।
सांसद निधि से मिली एंबुलेंस का आरटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण ड्राइवर चलाने से भयभीत हैं। इधर कोरिया के सीएमएचओ ने सिविल सर्जन और बीएमओ को फरमान जारी कर दिया है। कि, जब तक आरटीओ कार्यालय में एंबुलेस का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है। तब तक सिर्फ छत्तीसगढ़ के भीतर ही चलवाएं। छत्तीसगढ़ के बाहर किसी भी हाल में नहीं भेजे जाएं।
कोरबा 7, कोरिया 2, एमसीबी 3 जीपीएम 3 कुल 15
कुछ शासकीय एंबुलेंस का आरटीओ कार्यालय में पंजीयन नहीं है। मामले में सिविल सर्जन, बीएमओ सेानहत-पटना को निर्देश दिए गए हैं कि, जब तक आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होता है, तब तक छत्तीसगढ़ के भीतर ही एंबुलेंस चलाई जाए।
-डॉ आरएस सेंगर, सीएमएचओ कोरिया