script1 फरवरी से आंगनबाड़ी में कुपोषित बच्चों को खिलाया जाएगा अंडा, कलक्टर बोले- लापरवाही पर ये 2 ऑफिसर होंगे जिम्मेदार | Eggs will be fed to malnourished children in Anganwadi from 1 february | Patrika News
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1 फरवरी से आंगनबाड़ी में कुपोषित बच्चों को खिलाया जाएगा अंडा, कलक्टर बोले- लापरवाही पर ये 2 ऑफिसर होंगे जिम्मेदार

Malnourished Children: कोरिया जिले में 5046 कुपोषित बच्चे चिह्नित किए गए हैं इनमें 606 गंभीर बच्चे की एनआरसी में ट्रीटमेंट होगी, गंभीर कुपोषित बच्चों (Malnourished children) को रोस्टर बनाकर पोषण पुनर्वास केंद्र (Nutrition Rehabilitation center) में अनिवार्य भेजना होगा

कोरीयाJan 30, 2022 / 05:46 pm

rampravesh vishwakarma

Malnourished childrens

Eggs

बैकुंठपुर. Malnourished Children: कलक्टर कुलदीप शर्मा ने जिले में कुपोषित बच्चों की सेहत सुधारने कवायद शुरू कर दी है। जिले के चिह्नित 606 गंभीर कुपोषित बच्चों को रोस्टर के हिसाब से पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने व 14 दिन तक विशेष देखभाल कर पोषण आहार देने फरमान जारी किया है। कलक्टर ने जिले में पोषण पुनर्वास केंद्रों में 1 अप्रैल से दिसंबर 2021 तक मात्र 510 कुपोषित बच्चों को भेजे जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं जिले के 606 गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर पुनर्वास केन्द्रों में भेजें और सतत निगरानी रखें।

जिले में 10-15 जनवरी तक वजन मापन त्यौहार मनाया गया। इस दौरान जिले में 4 हजार 440 मध्यम एवं 606 गंभीर कुपोषित बच्चे चिह्नित किए गए हैं। सभी एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षकों को सख्त निर्देश दिए हैं, कि बच्चे सामान्य श्रेणी में आने के बाद पुन: कुपोषण की श्रेणी में नहीं आएं।
बच्चों को निर्धारित पोषण आहार खिलाना अनिवार्य है। कलक्टर शर्मा ने जिले में पोषण पुनर्वास केंद्रों में 1 अप्रैल से दिसंबर 2021 तक मात्र 510 कुपोषित बच्चों को भेजे जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं जिले के 606 गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर पुनर्वास केन्द्रों में भेजें और सतत निगरानी रखें। यह ध्यान रखें कि किसी भी पोषण पुनर्वास केंद्र में उपस्थिति 90 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए।
शत-प्रतिशत क्षमता का प्रयोग कर मार्च 2022 तक सभी गंभीर कुपोषित बच्चों को पुनर्वास केन्द्रों में रखा जाना है। टेक होम राशन एवं अण्डे वितरण की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। एक फरवरी से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में ही गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों को अण्डे खिलाए जाएंगे। कलक्टर शर्मा ने कहा कि सुबह 11 से 11.30 बजे तक आंगनबाड़ी केंद्रों में अण्डे उपलब्ध कराए जाएंगे।

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मातृत्व मृत्यु दर की स्थिति पर चिंतन
कलक्टर शर्मा ने जिले में मातृत्व मृत्यु दर की गंभीर स्थिति पर कहा कि गर्भवती माताओं के खान-पान पर ध्यान रखा जाए। समय पर गर्म भोजन उपलब्ध कराएं। जिले में 6 हजार 548 गर्भवती माताएं हैं। गर्भवती माताओं को पोषण थाली उपलब्ध करानेे निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 5 हजार कुपोषित बच्चों को आयरन सिरप एवं आवश्यक दवाइयां देने निर्देश दिए।
उन्होंने सोनहत ब्लॉक से मात्र 14 कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भेजे जाने पर फटकार लगाई। सख्त चेतावनी देकर कहा कि आगामी समय में लापरवाही पाए जाने पर पर्यवेक्षक एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।

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कुपोषित बच्चों की कार्ड से होगी मॉनीटरिंग
कुपोषण मुक्ति के लिए पोषण चार्ट के माध्यम से जाएगा जागरूक किया जाएगा। चिन्हांकित कुपोषित बच्चों की कार्ड के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी। कलक्टर शर्मा (Koria Collector) ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा में चार्ट तैयार करें। बच्चों की रुचि के अनुसार पोषण चार्ट में आकर्षक चित्रों का उपयोग करें।
आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों (Malnourished Children) का अलग से कार्ड बनाया जाए। इसमे बच्चों की प्रगति रिपोर्ट दर्ज होगी। कार्ड में कुपोषण की प्रकृति, हीमोग्लोबिन दवाइयों की पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी। ताकि बच्चों की मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से होगी। साथ ही प्रत्येक बच्चे की मासिक समीक्षा एवं वजन मापन के निर्देश दिए गए हैं।

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