गौरतलब है कि नाबालिग पीडि़ता अपनी नानी के घर रहती थी। आरोपी घटना तिथि 12 जुलाई 2021 की शाम वहां पहुंचा और नाबालिग को खींचते हुए जबरन अपने साथ ले गया और घर में बंद कर दिया। इसके बाद पीडि़ता की नानी उसे खोजते हुए आरोपी के घर पहुंची। उसने नातिन को अपने साथ घर चलने कहा।
कोर्ट ने सुनाया 20 साल का सश्रम कारावास
नाबालिग से बलात्कार के मामले में 27 मई को अहम फैसला सुनाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएसी (पॉक्सो) आनंद प्रकाश दीक्षित ने आरोपी को धारा 376(3) के तहत 20 साल का सश्रम कारावास, धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 20 साल सश्रम कारावास तथा धारा 342 के तहत एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अलग-अलग धाराओं में मिली सजा एक साथ चलेगी।