दुर्घटना शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात लगभग दो बजे की बताई जा रही है। उदयपुर के रास्ते ट्रक पर एल्यूमिनियम की सिल्ली लोड कर चालक मंटू मोरगा कटघोरा के रास्ते बिलासपुर की ओर जा रहा था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 130 पर मोरगा चौकी क्षेत्रांतर्गत हसदेव नदी पुल के पास पहाड़ से टकरा गया। हादसा इतना भयावह था कि सामने का केबिन अंदर की तरफ पिचक गया। चालक मंटू स्टीयरिंग और केबिन के बीच दब गया। जान बचाने के लिए उसने खुद को बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन कामयाब नहीं हुआ। रास्ते से गुजर रहे लोगों ने हादसे की सूचना डॉयल 112 को दिया। रात लगभग 2.30 बजे पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मंटू को बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन मंटू इतनी बुरी तरीके से फंसा था कि उसे निकाल पाना मुश्किल हो रहा था। दुर्घटना में उसके सिर से खून निकल रहा था। हाथ-पैर भी नहीं हिला पा रहा था। बार-बार जान बचाने के लिए मदद मांग रहा था।
एल्यूमिनियम की सिल्ली को उतारकर ट्रक को खींचा गया पीछे चालक की सांसें थम चुकी थी। इसके बाद भी उसके शव को बाहर निकालने में मुश्किल खड़ी हो रही थी। तब पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों से मजदूरों को बुलाया। ट्रक से एक-एक कर एल्यूमिनियम की सिल्ली को नीचे गिराया गया। इससे ट्रक का भार कम हुआ तो क्रेन लगाकर पीछे खींचा गया। दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे केबिन से मंटू के शव को बाहर निकालकर पास के मर्च्यूरी घर पहुंचाया गया। मंटू वारंगल तेलंगाना के मालिक का ट्रक चलाता था। पुलिस ने हादसे की सूचना उसके परिवार को दी है। घटना के समय मंटू के साथ उसका हेल्पर भी था जिसकी जान बाल-बाल बची। दुर्घटना का कारण ओवरस्पीड बताई जा रही है।
रात में नहीं मिली क्रेन पुलिस ने बताया कि घटना इतना भयावह था कि ट्रक को पीछे खींचे बिना चालक को निकाल पाना मुश्किल था। पुलिस ने चोटिया टोल नाका पर खड़ी क्रेन की मदद लेनी चाही तो पता चला कि क्रेन खराब है और कोरबा के गैरेज में मरम्मत के लिए गया हुआ है।
सुबह साढ़े पांच बजे चालक ने तोड़ा दम संसाधन के अभाव में पुलिस कर्मी चालक की जान नहीं बचा सके। केबिन से बाहर निकलने की इंतजार में चालक की सांसें उखड़ती चली गई। सुबह साढ़े पांच बजे मंटू ने दम तोड़ दिया।