डीडीए ने बीज निगम से बात कर जल्द आपूर्ति की मांग की है। कोरबा सहित प्रदेश के अन्य जिले भी सूखे की चपेट में है। इसलिए एक साथ सभी जिले के लिए स्वीकृति मिलेगी। जहां रोपाई हो चुकी थी। वहां अब उखाड़ कर नए सिरे से उड़द व रामतिल के फसल (crop) किसान लेंगे।
10 साल में पहली बार जुलाई तक 45 फीसदी बारिश हुई कम
पिछले 10 साल में पहली बार के अंतिम सप्ताह में जिले में 45 फीसदी बारिश कम हुई है। अब तक के रिकार्ड के अनुसार 30 फीसदी ही बारिश कम थी। लेकिन पहली बार यह रिकार्ड 45 फीसदी तक जा पहुंचा है। अब तक जिले में 296.7 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जबकि अब तक होनी चाहिए 538.9 एमएम बारिश हो जानी चाहिए थी। इतनी कम बारिश से किसानों के लिए दिक्कत बढ़ गई है।
कई जगह खेतों में धान की फसल होती थी अच्छी, वहां दलहन कैसे होगा
जिले की भौगोलिक स्थिति के मुताबिक कई जगह खेतों में धान की फसल (Paddy crop) ही सिर्फ होती है। उन जगहों पर दलहन व तिलहन के फसल नहंी होते। कई बार किसानों ने लगाने की कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हो सका था। इसलिए पूरे जिले में यह फसल कितना सफल हो पाएगा। इस पर सवाल उठने लगा है। (Possibility Of Drought)