जब से मौसम साफ हुआ है तब से जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सर्दी का यह मौसम लोगों पर भारी पड़ रहा है। इसका असर भी जनजीवन पर पड़ रहा है। शाम होते ही लोग घरों में दुबक रहे हैं, बाहर निकलने से बच रहे हैं। गुरुवार रात लगभग 8 बजे के बाद शहर की सड़कों पर दोपहिया वाहन चालकों की संख्या सामान्य दिनों से काफी कम हो गई थी।
CG Weather Update: मौसम विभाग ने दर्ज किया न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री
गिनती के दोपहिया सवार लोग ही सड़क पर चल रहे थे। हालांकि देर रात तक चारपहिया गाड़ियों में लोगों का सफर जारी रहा। मौसम में हो रहे बदलाव का असर कोरबा के कारोबार पर भी पड़ा है। बाजार में ठंडी का असर देखा जा रहा है। शाम होते ही दुकानों में ग्राहकों की संख्या कम हो रही है। गिनती के ग्राहक ही कुछ दुकानों में नजर आते हैं।
ठंडी हवाओं के कारण शहर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और सर्द हवाएं कंपकपी भी बढ़ा रही है। इस सीजन में गुरुवार को शहर का न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री दर्ज किया गया जबकि एक दिन पहले यह तापमान 10.3 डिग्री अंकित किया गया था। 24 घंटे में डेढ़ डिग्री की गिरावट आई है। यही हाल
अधिकतम तापमान को लेकर भी देखा जा रहा है। गुरुवार को मौसम विभाग रायपुर में कोरबा में लगाए गए अपने थ
दिन में अधिकतम 14 किमी की रफ्तार से चली हवाएं
तापमान में तेजी से गिरावट आने पर आमतौर पर शीतलहर कहा जाता है। हालांकि शीतलहर की घोषणा प्रदेश सरकार की ओर से की जाती है। यह घोषणा उस समय होती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो। लगातार दो दिन तक यह तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो तो इसे
शीतलहर माना जाता है। हालांकि मैदानी पहाड़ी इलाकों के लिए शीतलहर को लेकर अलग-अलग परिभाषाएं हैं। मगर उर्जाधानी में जिस प्रकार से न्यूनतम तापमान गुरुवार को रिकार्ड किया गया है उससे शीतलहर जैसी स्थिति बनी हुई है।
रात जैसे-जैसे गुजर रही है
तापमान भी बदल रहा है और गिरावट का सिलसिला जारी है। सुबह कड़ाके की ठंड पड़ रही है और इसमें बाहर निकलने पर लोगों के हाथ-पैर ठिठुर रहे हैं। इससे बचने के लिए शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग जहां रूम हिटर का सहारा ले रहे हैं वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह अलाव जलाए जा रहे हैं। मौसम में परिवर्तन का असर बच्चों के स्वास्थ्य पर भी देखा जा रहा है और बुजुर्गों को भी यह मौसम खूब परेशानी कर रहा है।