मिठाईयों की भी सैंपलिंग की गई है। जिन सामग्री से मिठाई बनायी जाती है उसके भी सैंपल लेकर रिपोर्ट के लिए भेजे गए हैं। इधर मिलावटी सामानबाजार में बिक रहे अधिकतर खाद्य उत्पादों में मिलावट की शिकायतें मिल रही हैं। दाल, अनाज, दूध, घी, तेल रेडिमेड मसालों से लेकर कई अन्य चीजों में मिलावट की प्रबल संभावना है। मिलावट इनती बारीकी से की जाती है कि मूल खाद्य पदार्थ तथा मिलावट वाले खाद्य पदार्थ में भेद करना मुश्किल हो जाता है।
आमतौर पर प्रतिदिन इस्तेमाल किये जाने वाले अनाज भी हानिकारक रसायनों के प्रभाव से अछूते नहीं हैं। त्योहारों के सीजन में इनकी बिक्री जोरों पर होती है। हर साल घटिया पदार्थों की बिक्री की खबरें आती हैं। प्रशासन द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिये जाने से ऐसे दुकानदारों का मनोबल बढ़ रहा है।
इधर खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने दीपावली त्योहार को देखते हुए अभियान चलाकर सैंपल एकत्र किए गए हैं। एक सप्ताह के भीतर अपना मार्ट निहारिका, दीपका स्थित दीप प्रोविजन स्टोर से स्पेशल पोहा, भवानी जनरल से आटा, टीपी नगर स्थित अलका सुपर मार्केट से सूजी, कोरबा ग्रामीण स्थित मीठी सुपर मार्केट से सरसों तेल और घी, वार्ड नंबर 33 स्थित लकी सुपर मार्केट से सरसों तेल और बासमती राइस, वार्ड नंबर 29 स्थित गायत्री सुपर मार्केट से शक्कर और पोहा, जमनीपाली स्थित न्यू मधु स्वीट से कुंडा/खोवा, दूध, छुरी स्थित ईश्वर होटल से बर्फीका नमुना लिया गया। एवं निरीक्षण कर साफ सफाई, लाइसेंस डिस्प्ले करने, अखबार का उपयोग नहीं करने की सलाह दी गई। साथ ही उपयोग करने की तिथि उल्लेख करने के निर्देश दिए गए हैं।
दूध से लेकर पनीर, खोवा भी मिल चुका है अमानक शहर में इससे पहले की गई जांच में दूध से लेकर पनीर, खोवा तक अमानक मिल चुका है। दूध में पानी की मात्रा अधिक पाई गई थी। इससे पहले फास्ट फूड में भी एक दर्जन दुकानों में खामियां मिली थी। इस तरह की शिकायत आमतौर पर आती रहती है।
ब्रांडेड कंपनियों के नाम से पैकट बिक रहे ब्रांडेड कंपनियों के मिलते-जुलते नाम वाले कई अमानक खाद्य कंपनियों के समान भी बिक रहे हैं। बाजार में घटिया खाद्य व मिठाई भी बेेचे जा रहे हैं। शहर से लेकर साप्ताहिक हाट बाजारों तक के होटलों व अन्य दुकानों पर ऐसे पदार्थों की भरमार है। कई कंपनियों के अमानक व एक्सपायरी, कोल्ड ड्रिंक, मिनरल वाटर, मिठाई, ब्रेड, बिस्किट लोकल ब्रांड के नमकीन के साथ-साथ अन्य खाद्य पदार्थ बाजारों में बेरोक-टोक खपाये जा रहे हैं। कई उत्पादों पर तो बैच नंबर, निर्माण तिथि व समाप्ति तिथि तक लिखना कंपनीवाले मुनासिब नहीं समझते।