पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। यहां से रिमांड पर जेल भेज दिया गया। पकड़े गए दरिंदों में से एक आरोपी आदिवासी विकास विभाग के अधीन संचालित एक आश्रम में अधीक्षक है। पुलिस ने बताया कि 13 सितंबर की शाम लगभग 4.30 बजे युवती पानी भरने के लिए घर के पास स्थित एक नल पर गई थी। इस बीच तीनों दरिंदों ने युवती को अगवा कर लिया था। उसे झाड़ियों में ले गए थे। थोड़ी देर बाद युवती को उठाकर आरोपी के कोठार ले गए। इसके बाद रस्सी से युवती के हाथ पैर को बांध दिए और मुंह में कपड़ा ठूस दिया। उसके साथ तीनों आरोपी ने तीन दिन तक दुष्कर्म किया।
इस बीच घर के लोग युवती की तलाश करते रहे। लेकिन वह नहीं मिली। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने गांव में जाकर पूछताछ शुरू किया। इस बीच आरोपी डर गए और पीड़िता को कोठार से छोड़ दिया। 15 सितंबर की शाम पीड़ित युवती घर पहुंची। लेकिन उसकी मानसिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि अपनी आपबीती सुना सके। पुलिस लड़की को लेकर थाना पहुंची। घटना को लेकर पूछताछ की गई। पीड़ित युवती ने तीन लोगों का नाम बताया।
पुलिस ने घेराबंदी करके तीनों आरोपियों को पकड़ लिया। घटना को लेकर पूछताछ किया। तीनों ने अपना गुनाह स्वीकार लिया है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने गैंगरेप का केस दर्ज किया है। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। यहां से रिमांड पर जेल भेज दिया गया। पुलिस को जांच में पता चला कि एक आर्रोपि अपराधी प्रवृति का है। उसने ही घटना को अंजाम देने के लिए दो और युवकों को अपने साथ लिया था।