इसलिए हाथियों को भा रहा जंगल
जिस क्षेत्र में बेबी ऐलीफेंट जन्म ले रहे हैं उस 50 किमी के दायरे में हाथियों को पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था है। मांड नदी में 12 माह पानी और कई छोटे नाले हाथियों के रूट में है। यही वजह है कि इस क्षेत्र मेें कभी सूखा नहीं पड़ता। हरियाली होने की वजह से जंगल में झुंड आराम से रहता है। करतला रेंज में खरीफ के साथ रबी फसल भी अच्छी होती है इसलिए किसी प्रकार की दिक्कत हाथियेां को नहीं आती। विशेषज्ञों का कहना है कि हाथियों के प्रजननकाल के दौरान एकांत और घने जंगल जहां शोर शराब ना हो ऐसा इलाका ज्यादा पंसद होता है। इसलिए इस ओर हाथियों ने स्थाई रहवास बना लिया है।
ग्रामीणों को दी जा रही समझाइश
झुंड में जब बेबी ऐलीफेंट होते हैं तो वयस्क हाथी बहुत ज्यादा सक्रिय होते हैं। आसपास ग्रामीणों के हलचल को देखने से बिदक सकते हैं। जानमाल का खतरा भी हो सकता है। इसलिए वन विभाग द्वारा आसपास के गांव में मुनादी करा दी गई है। जब तक झुंड जंगल में है तब तक उस ओर जाने से मना किया जा रहा है।