बिना लाइसेंस व अनुज्ञा के सिर्फ मरीजों की जांच ही नहीं होती थी बल्कि उन्हें बकायदा भर्ती कर उनका उपचार किया जाता था। पुनीलाल यादव नाम के झोलाछाप डॉक्टर द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा था। इसके पास ना तो लाइसेंस था, ना ही कोई डिग्री।
पुलिस ने पकड़ा 35 लाख का अवैध धान परिवहन, सात ट्रकों में लोड था 4245 बोरी धान मौके पर जब टीम पहुंची तो डॉक्टर की पत्नी मौके पर थी। टीम ने तब पूछताछ किया तो उसने तो पहले जानकारी देने से मना कर दिया। बाद में बताया कि उसके पति द्वारा लंबे समय से इलाज किया जा रहा है। बहरहाल पुलिस और स्वास्थ्य अमले ने अस्पताल से दवाइयां, पर्चियां, दस्तावेज और दूसरे सामान को जब्त कर लिया है।
मामले की जांच की जा रही है। इस दौरान खण्ड चिकित्सा अधिकारी रुद्र पाल सिंह, भीष्म देव सिंह सहायक औषधि नियंत्रक, किरण सिंह औषधि निरीक्षक, , कामेश्वरी पटेल औषधि निरक्षक कुसमुण्डा थाना प्रभारी व स्टाफ के साथ अन्य उपस्थित थे। टीम ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 18सी एवं 27 बी के अंर्तगत जब्ती की कार्यवाही की गई।