इन विभागों में दिखा सबसे अधिक असर
सामूहिक अवकाश का इसका सबसे अधिक असर स्कूल, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, खाद्य विभाग, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, पशु विभाग के कार्यो पर पड़ा। शिक्षक हड़ताल पर थे और विद्यार्थी स्कूल पहुंचे थे। स्कूलों में ताले लटके देखकर विद्यार्थी वापस लौटे। टीसी, सीसी सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज के लिए भी लोगों को परेशान होना पड़ा। इसके अलावा राजस्व विभाग में भी कई मामलों की तिथियां दी गई थी, हड़ताल की वजह से भी फरियादी कार्यालय पहुंचे, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी।
स्वास्थ्य संयोजकों के समर्थन से वैक्सीनेशन से लेकर प्रसव सहित अन्य कार्य प्रभावित हुए। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग, पीएचई, जनसंपर्क, जनपद पंचायत, जल संसाधन सहित 52 विभागों के कार्य काफी प्रभावित हुए।
अब सीधे सोमवार को खुलेंगे दफ्तरसामूहिक अवकाश के लिए शुक्रवार को दिन निर्धारित किया गया था। शुक्रवार को कामकाज बंद रहा। अब शनिवार और रविवार की छुट्टी की वजह से भी लोगों के जरुरी कामकाज नहीं हो पाएंगे। अब सीधे सोमवार से ही दफ्तर खुलेंगे। इधर कई विभागों के कर्मियों की हड़ताल पिछले एक सप्ताह से चल रही थी। जहां पहले से ही शासकीय कार्य प्रभावित रहा है।
शुक्रवार को सरकारी सेवा पूरी तरह से ठप रही। 20 हजार से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों के सामूहिक अवकाश पर रहने की वजह से शासकीय कामकाज पूरी तरह से बंद रहा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिन की हड़ताल का ऐलान पहले ही कर दिया था।
ये हैं 5 सूत्रीय मांग-
● छठवें वेतनमान के आधार पर मिलने वाले गृह भत्ते को सातवें वेतनमान के आधार पर केंद्रीय दर पर दिया जाए।
● राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के दिए गए तिथि के अनुसार महंगाई भत्ता दिया जाए। 3. छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर गठित पींगुआ समिति की रिपोर्ट और वेतन विसंगति दूर करने के लिए गठित अन्य समितियों की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
● कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के अनुसार कर्मचारियों का वेतन वृद्धि 8,16,24 और 30 साल की सेवा में चार स्तरीय किया जाए। साथ ही अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
● ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिलाने के लिए पहली नियुक्ति तिथि से कुल सेवा को जोड़ा