धान खरीदी में गड़बड़ी
शुक्रवार को कलेक्टर अजीत बसंत ने विकासखंड करतला के धान खरीदी केंद्रों का दौरा किया। चिकनीपाली के खरीद केंद्र पहुंचे। जिस समय कलेक्टर केंद्र पहुंचे। वहां पर फड़ प्रभारी और सोसाइटी प्रबंधक नहीं मिले। उन्होंने धान खरीदी करने वाले कर्मचारियों से प्रबंधक के संबंध में जानकारी मांगी। लेकिन उन्हें जानकारी नहीं मिली।
समिति के कर्मचारियों ने प्रबंधक से
मोबाइल फोन पर संपर्क किया। लेकिन उनका फोन बंद मिला। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई। उन्होंने सोसाइटी प्रबंधक की अनुपस्थिति में ही केंद्र का जायजा लिया। वहां आए किसानों से बातचीत किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि धान की खरीदी पलटी कराए बिना ही किया जा रहा है।
धान पलटी कराए बिना केंद्र पर हो रही खरीदी
किसान अपनी बोरी में धान लेकर आ रहे हैं और इसे सोसाइटी की बोरी में भरा जा रहा था। इस बीच की अवधि में किसान के द्वारा लाए गए धान को जमीन पर खाली नहीं कराया जा रहा था। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और उन्होंने इस कार्य को
धान खरीदी की नियमों का अनदेखी माना। कलेक्टर ने केंद्र के प्रभारी निलंबित करने के लिए आदेश जारी किया। इसकी पुष्टि प्रशासन की ओर से भी की गई। हालांकि प्रशासन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में समिति के प्रबंधक एवं तौर प्रभारी को कार्य से पृथक करने की बात कही गई है।
साथ ही धान खरीदी के दौरान किसान द्वारा बोरियों में भरकर लाए गए धान को पलटी कराने कहा है। ताकि धान की गुणवत्ता की जांच सही तरीके से की जा सके और अच्छा धान किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा जा सके। धान खरीदी की इस सीजन में यह पहला मामला है। जब प्रशासन की ओर से किसी सहकारी समिति के फड़ प्रभारी को निलंबित किया गया है।
मिलर्स लगा रहे कम गाड़ियां, इसलिए उठाव में तेजी नहीं
खरीदी केंद्रों से धान का उठाव समय पर हो, इसके लिए जिला प्रशासन मिलर्स पर लगातार दबाव डाल रहा है। लेकिन खरीदी केंद्रों से धान का उठाव अभी सही तरीके से नहीं हो रहा है। अधिकांश केंद्रों पर अभी भी बफर लिमिट से अधिक धान पड़ा हुआ है। इससे सोसाइटियों की परेशानी बढ़ गई है। भिलाईबाजार, भैसमा, पटियापाली, कुल्हड़िया जैसे जिले में दो दर्जन से ज्यादा केंद्र है। जहां अभी भी 10 हजार क्विंटल से ज्यादा धान पड़ा हुआ है। इससे समितियां चिंतित हैं। उनका कहना है कि समय पर धान उठाव नहीं होने से अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
देर शाम तक प्रबंधक का मोबाइल बंद
इस साल प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर कोरबा जिले के किसानों से लगभग 13 लाख 66 हजार 186 क्विंटल की धान खरीदी की है। इसमें सबसे ज्यादा मोटा धान है। चालू वर्ष में एक भी किसान पतला धान लेकर समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए सहकारी सोसाइटियों में नहीं पहुंचा है। हालांकि इस अवधि में किसानों से 3732 क्विंटर सरना
धान भी खरीदा गया है। जैसे-जैसे धान खरीदी की तिथि नजदीक आ रही है। वैसे-वैसे समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए किसान सहकारी समितियों में पहुंच रहे हैं। भीड़ इतनी अधिक है कि 15 जनवरी तक किसानों को टोकन मिलना मुश्किल हो गया है और इसके आगे का टोकन जारी नहीं हो रहा है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तिथि 31 जनवरी निर्धारित की गई है।