कोतवाली पुलिस ने बताया कि सत्यम विहार कोरबा कालोनी में रहने वाले विनय कुमार अग्रवाल को भूषण प्रसाद तिवारी ने शारदा विहार मेनरोड में उनके स्वामित्व की निजी जमीन है। भूषण ने इस जमीन को बेचने की इच्छा विनय से जताई। विनय इसे लेने के लिए तैयार हो गया। दोनों के बीच एक एकड़ 28 डिसमिल जमीन के लिए दोनों के बीच 4 करोड़ 80 लाख रुपए में सौदा तय हुआ। इसके लिए स्टाम्प पर दोनों के बीच अनुबंध हुआ।
इसके पहले भूषण तिवारी ने विनय को इस जमीन का बी-1, नक्शा, खसरा सहित अन्य दस्तावेज दिखाया। यह देखकर विनय को भरोसा हो गया। इकरारनामा के दौरान ही विनय ने पांच लाख रुपए दो चेक के जरिए गोविंद कुमार गंगवानी के माध्यम से भूषण को दिया।
इसके बाद भूषण ने बताया कि बैंक में कुछ समस्या है इस कारण उसे राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। उसने विनय से नगद पैसे देने के लिए कहा। विनय ने अलग-अलग केश्तों में भूषण तिवारी को पांच लाख रुपए दिया। विनय ने भूषण से उक्त जमीन का सीमांकन कराने के लिए कहा। भूषण आज-कल करते-करते कई माह गुजर गया लेकिन सीमांकन नहीं कराया। तब उक्त जमीन का खसरा नंबर लेकर विनय ने हल्का पटवारी से संपर्क किया। तब पता चला कि यह जमीन सरकारी है।
उसने भूषण से फिर संपर्क किया तब भूषण ने बताया कि राजस्व रिकार्ड में त्रुटिवश उसकी निजी जमीन सरकारी खाते में दर्ज हो गई है इसे जल्द सुधार लिया जाएगा। विनय को भूषण की बातों पर फिर भरोसा हो गया लेकिन भूषण राजस्व रिकार्ड नहीं सुधरवा सका और न ही विनय को जमीन बेच सका। तब विनय को ठगी का पता चला। उसने घटना की शिकायत कोतवाली पुलिस से की। प्रांरभिक जांच के बाद पुलिस ने भूषण प्रसाद तिवारी पर चारसौबीसी का केस दर्ज कर लिया है। विनय के अनुसार दोनों के बीच यह सौदा जुलाई 2020 में शुरू हुआ था।
इधर पुलिस का कहना है कि भूषण प्रसाद के खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज किये गए हैं। उसके खिलाफ एक मामला एक्ट्रोसिटी एक्ट का भी है। पुलिस सभी मामलों की जांच कर रही है। पूछताछ के लिए जल्द उसे सम्मन जारी करेगी।