पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि शीला का पति गोलू पेशे से ड्राइवर है। वह गाड़ी लेकर बाहर चला जाता था। शीला कटघोरा में एक भाड़े की मकान में रहती थी। गोलू के घर से बाहर रहने पर शीला दूसरे लोगों के साथ घूमती थी। यह गोलू और उसके परिवार को पसंद नहीं था। गोलू शीला के चरित्र पर संदेह करता था। उसने अपने छोटे भाई और चाचा नरेश के साथ मिलकर शीला की हत्या (Murder) की योजना बनाई थी। शीला अपने पति से पैसे की मांग रही थी। पूर्व निर्धारित योजना के तहत 15 जुलाई की शाम लगभग पांच बजे भाड़े की बोलेरो से शीला को लेकर गोलू, उसका नाबालिग भाई और चाचा नरेश सलिहाभांठा के जंगल पहुंचे। गला दबाकर शीला की हत्या (Murder) कर दी। सिर पर डंडे से हमला किया। लाश की पहचान छिपाने के लिए कपड़े को बाहर निकाल दिया। शव को बुड़बुड़ नाले में दफनाकर फरार हो गए।
चालक ने हत्या करते देखा था
पुलिस का आरोप है कि बोलेरो चालक संतोष यादव शीला और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को लेकर गाड़ी में गया था। संतोष शीला की हत्या करते हुए देखा था। लेकिन उसने घटना की सूचना पुलिस को नहीं दी थी। शव बरामद होने के बाद भी संतोष ने पुलिस को कुछ नहीं बताया। पुलिस ने संतोष को हत्या (Murder) में सहभागी माना है। आरोपियों के खिलाफ हत्या (Murder) और सबूत छिपाने का केस दर्ज किया है।