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कोरबा

पैरों में बंधी जंजीर से ‘गणेश’ को इंफेक्शन का खतरा, इधर हाईकोर्ट में याचिका भी लगी, पढि़ए पूरी खबर…

Korba Elephant : दो दिनों तक वन विभाग (Forest Department) की कैद में रहने के बाद जिले में भय का पर्याय बन चुका दंतैल हाथी (गणेश) (Elephant) बुधवार की रात जंजीर तोड़कर भाग गया।

कोरबाJul 26, 2019 / 12:10 pm

Vasudev Yadav

पैरों में बंधी जंजीर से 'गणेश' को इंफेक्शन का खतरा, इधर हाईकोर्ट में याचिका भी लगी, पढि़ए पूरी खबर...

पैरों में बंधी जंजीर से ‘गणेश’ को इंफेक्शन का खतरा, इधर हाईकोर्ट में याचिका भी लगी, पढि़ए पूरी खबर…

कोरबा. विभाग द्वारा दंतैल हाथी (गणेश) (Elephant) को ट्रैंक्यूलाइज करने के बाद बेहोशी की हालत में ट्रक से अंबिकापुर के तमोर पिंगला हाथी अभ्यारण्य (Tamor Pingala Elephant Reserve) ले जाने की तैयारी थी। लेकिन इसी दौरान वन विभाग (Forest Department) का प्लान फेल हो गया और गणेश उनकी चंगुल से निकलकर जंगल की ओर भाग निकला।
दंतैला हाथी (Elephant) को कुमकी हाथियों की मदद से काबू में किया गया था। इसे अभ्यारण्य ले जाने की तैयारी थी। बुधवार को ही कुमकी हाथियों को कोरबा से वापस भेजा गया, और इसी रात दंतैल हाथी (Elephant) को भी जेसीबी की मदद से बेहोशी की हालत में ट्रक में लादा जा रहा था। लेकिन बात नहीं बन सकी और हाथी कुदमुरा के गजदर्शन रेस्ट हाउस की बाउंड्री वाल तोड़कर फरार हो गया। हालांकि उसके चारो पैर में मोटी वजनदार लोहे की जंजीर बंधी हुई है। जंजीर के कारण हाथी (Elephant) को चलने में परेशानी हो रही है। बरसात के मौसम में अब इन लोहे की जंजीरों से इंफेक्शन का भी खतरा बढ़ गया है।
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डीएफओ प्रणव मिश्रा ने बताया कि देर रात दंतैल हाथी (Elephant) को ट्रक में चढ़ाने के दैरान वह कुछ ज्यादा ही शिथिल हो गया था। वन्यजीव विशेषज्ञों की सलाह पर उसे पूरी तरह से ठीक होने तक जंगल में छोड़ा गया है। गले में रेडियो कॉलर भी लगाया गया है। इससे गणेश के पल-पल के मूवमेंट की खबर हमें मिलती रहेगी। गणेश को कैप्चर करके रखना है या फिर अभ्यारण्य के खुले जंगल में छोडऩा है, यह आने वाले दो-तीन दिनो में उसके बर्ताव से तय होगा।

ऐसे भागा दंतैल हाथी
दंतैल हाथी (Elephant) के गुस्सैल स्वभाव को देखते हुए वाइल्ड लाईफ विशेषज्ञों की निगरानी में उसे नियमित तौर पर बेेहोशी की दवा देकर जंजीरों में बांधकर कुदमुरा के गजदर्शन रेस्ट हाउस में रखा गया था। बुधवार को कुमकी हाथियों (Kumki elephants) का काम खत्म होने के बाद वापस भेजा गया। तमिलनाडु की टीम भी लौट गई थी। बुधवार की रात को ही वन विभाग द्वारा बेहोशी की हालत में दंतैल हाथी को तमोर पिंगला अभ्यारण्य ((Tamor Pingala Elephant Reserve) ) ले जाने के लिए ट्रक में चढ़ाया जा रहा था। लेकिन बेहोशी के इंजेक्शन का असर ज्यादा होने की वजह से हाथी (Elephant) का शरीर कुछ ज्यादा ही शिथिल पड़ गया। इसके बाद उसे पुन: होश में आने का इंजेक्शन देना पड़ा। होश में आते ही गणेश ने अपने तेवर दिखाए और रेस्ट हाउस की दीवार तोड़कर जंगल की ओर चला गया।

दल से बहिष्कृत भी है हाथी
हाथी (Elephant) अपने गुस्सैल और मतवाले स्वभाव के कारण ही दल से बहिष्कृत होने का दंश भी झेल रहा है। लगभग साल भर पहले हाथियों के दल से दंतैल हाथी (Elephant) को पृथक कर दिया गया था। वन विभाग के अफसरों की मानें तो दंतैल हाथी के गले में रेडियो कॉलर लगा दिया गया है। जिससे यह अब पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा कि उसका स्वभाव कैसा है, और वह किस तरह गुजर-बसर कर रहा है।

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पीपल फॉर एनिमल संस्था ने लगाई हाइकोर्ट में याचिका
वन विभाग ने षणयंत्र के तहत दिखावा करने के लिए दंतैल हाथी (Elephant) को ट्रक पर चढ़ाकर उतारा। लेकिन उसे तमोर पिंगला लेकर नहीं गए। वन्यजीव अधिनियम के तहत यदि हाथी को बेहोश किया तो आधी बेहोशी में 24 घंटे के भीतर से उसकी एक से दूसरे स्थान पर शिफ्टिंग होनी चाहिए। लेकिन विभाग का ऑपरेशन यहां भी फेल हो गया। हाथी को कैप्चर करके रखना ही है तो इसके लिए रेडियो कॉलर काफी पहले लगाया जाना चाहिए था।

इस मामले में बेहद लापरवाही बरती गई। दंतैल हाथी (Elephant) को जंजीर से बांधा गया, इसके कारण उसने ठीक तरह से खाना भी नहीं खाया। ऐसे में दिल के दौरे का भी खतरा रहता है। इस विषय पर हमारी संस्था की राष्ट्रीय चेयरपर्सन मेनका गांधी ने स्वयं सीएम भूपेश बघेल से भी बात कर हाथी के स्वभाव आदि के बारे में जानकारी दी थी। बावजूद इसके नियमानुसार काम नहीं किया गया। हमने इस विषय में हाई कोर्ट में याचिका लगा दी है। सरकार से १५ दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है- कस्तूरी बलाल, सीजी हैड, पीपल फॉर एनीमल संस्था
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