यह अस्पताल केंद्र सरकार बना रही है। इसका उद्घाटन भी केंद्र सरकार के मंत्री ही करेंगे। अभी तक केंद्रीय मंत्री के कोरबा आगमन का प्रोटोकॉल तय नहीं हो रहा है, इसे लेकर अस्पताल के उद्घाटन की तिथि तय नहीं हो रही है।
ईएसआईसी के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि निकाय चुनाव की आचार संहिता खत्म होते ही अस्पताल के उद्घाटन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। इसके लिए ईएसआईसी के स्थानीय अधिकारी कलेक्टर से भी मिल चुके हैं। उनका कहना है कि अस्पताल तक पहुंचने के लिए सड़क निर्माण किया जाना है। इसके लिए कलेक्टर ने निगम को सड़़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने कहा है ेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण निगम टेंडर की प्रक्रिया चालू नहीं कर पाया है।
बिल्डिंग है तैयार, आगे की कार्रवाई में देरी
प्रदेश में ईएसआईसी का कोरबा व रायपुर में अस्पताल लगभग बनकर तैयार है। कोरबा में अस्पताल भवन का काम मार्च में पूरा हो गया था। जबकि रायपुर में अस्पताल निर्माण अंतिम चरण में है। रायगढ़ में भी ईएसआईसी के अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले कोरबा के ईएसआईसी अस्पताल के उद्घाटन की प्रक्रिया तेज की गई थी। लेकिन स्टॅाफ भर्ती में देरी के कारण अस्पताल को चालू करने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब स्टॉफ की नियुक्ति हो गई है, अबअस्पताल के चालू होने की उम्मीद बढ़ गई है।
डिस्पेंसरी में गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कोरबा जिले में ईएसआईसी की चार डिस्पेंसरी है। मजदूरों के वेतन से हर माह एक निश्चित राशि ईएसआईसी को जाता है, लेकिन जरूरत पडऩे पर मजदूरों को स्थानीय स्तर पर ईलाज नहीं मिलता। ईएसआईसी की डिस्पेंसरी में सर्दी, खांसी व अन्य मौसमी बीमारियों का ही इलाज होता है। गंभीर बीमारी पीडि़त मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है। इससे मरीजों को भी काफी परेशानी होती है।