सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इस नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण के लिए 2015-16 में अनुमति दी थी। अनुमति मिलने के बाद वन विभाग और ठेका कंपनी ने 110 किमी के दोनों तरफ लगे पेड़ों की कटाई शुरू की। इसमें ऐसे भी पेड़ थे जो पिछले 30 से 40 साल से लगे हुए थे। पेड़ काटने में किसी प्रकार की देरी नहीं हुई। पेड़ काटने की अनुमति के साथ ये शर्त भी रखी थी कि आने वाले तीन साल के भीतर पौधरोपण भी करना है। तीन साल गुजरने को है लेकिन अब तक एक पौधे तक नहीं लगाए गए। विभाग के पास बकायदा फंड भी आ चुका है। लेकिन काम शुरू नहीं हो सका है।
30 हजार पेड़ों के ऐवज में लगाने हैं एक लाख से अधिक पौधे
लगभग ३० हजार पेड़ों की कटाई के एवज में विभाग को लगभग एक लाख से अधिक पौधे लगाने थे। एक पेड़ के पीछे ४ पौधे लगाने की शर्त के आधार पर ही अनुमति दी गई थी। सड़क के दोनों ओर हरियाली करना था। विभाग अगर पहले साल से कोशिश करता तो निश्चित तौर पर अब तक आधे से ज्यादा पौधे लग जाते। लेकिन विभाग द्वारा आनाकानी की जा रही है।
खामियाजा : सड़क का पारा चार डिग्री हो गया ज्यादा
इसका सबसे ज्यादा खामियाजा सड़क से गुजरने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है। पांच साल पहले इस सड़क के दोनेां तरफ घने पेड़ होने की वजह से गर्मी का एहसास बहुत अधिक नहीं होता था। लेकिन अब सीधा चार डिग्री तापमान बढ़ गया है। सड़क पर धूप सीधी पड़ रही है। सड़क किनारे रहने वाले लोग भी गर्मी से बेहाल हैं।
-एनएच चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की कटाई के बाद पौधे लगाने थे। इसके लिए फंड आ चुका है। लेकिन काफी अधिक संख्या में पौधे लगाने हैं। हमारी कोशिश है कि अगले साल से काम शुरू कर दिया जाए- प्रेमलता यादव, एसडीओ, कटघोरा