उत्पाती दंतैल के द्वारा लगातार उत्पात को देखते हुए मंगलवार को देहरादून, तामिलनाडु, अचानकमार व अंबिकापुर व धरमजयगढ़ की टीम ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू आपरेशन किया। यह आपरेशन बेहरापाली के जंगल में सुबह शुरू किया गया। काफी मशक्कत के बाद उत्पाती दंतैल हाथी (Elephant) को बेहोश किया गया।
उल्लेखनीय है कि धरमजयगढ़ क्षेत्र में एक दंतैल हाथी (Elephant) पिछले तीन माह से आतंक मचाया हुआ था। स्थिति यह रही कि यह दंतैल जितना आक्रामक था, उतनी चालाकी भी दिखाता था। बताया जा रहा है कि यह दंतैल सड़क किनारे झाडिय़ों के बीच छिप कर खड़ा हो जाता। वहीं जब लोग उस मार्ग से गुजरते तो वह अचानक सामने आ जाता। इससे लोग घबराते हुए अनियंत्रित हो जाते और गिर जाते थे। इसके बाद दंतैल उन्हें कुचल कर मौत के घाट उतार देता।
दंतैल हाथी को शांत करने वन विभाग अपना रहा ये नुस्खा, पढि़ए पूरी खबर… पिछले दो माह में इस दंतैल हाथी (Elephant) ने पांच से छह लोगों की जान ले ली। लगातार हो रहे मौत को लेकर पिछले दिनों रायपुर के मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) केके बिशेन व बिलासपुर से मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पीके केसर धरमजयगढ़ पहुंचे थे। वहीं उत्पाती के बारे में जानकारी ली और उसे रोकने के लिए कार्य योजना तैयार की। इस कार्ययोजना के तहत देहरादून, तामिलनाडु, अचानकमार व अंबिकापुर से टीम बुलाई गई। यह टीम लगातार दंतैल की निगरानी कर रही थी। वहीं अंतिम में यह निर्णय लिया गया कि उसे पकड़ कर सरगुजा के तमोर तिंगला अभ्यारण्य भेजा जाना कारगर होगा। इस निर्णय के बाद यह प्रक्रिया शुरू की गई।
मौके पर लगी रही लोगों की भीड़
उत्पाती दंतैल हाथी (Elephant) को पकडऩे के लिए रेस्क्यू किए जाने की खबर कुछ देर में ही आसपास के गांवों में फैल गई। इससे करीब एक दर्जन गांव के लोग बेहरामार के उस स्थान के करीब पहुंच गए थे, जहां यह आपरेशन किया जा रहा था। हालांकि वन विभाग (Forest Department) ने इस कार्य में पुलिस की मदद भी ली थी। पुलिस की टीम बेहरामार के कक्ष क्रमांक 512 के अंतर्गत आने वाले स्थान पर आवाजाही की रोक लगा दी थी। इससे ग्रामीण उस स्थान पर ही पहुंच सके थे, जहां तक जाने की अनुमति थी। इससे मौके पर सैकड़ों लोग जमा थे।
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वन विभाग के कर्मचारी की भी ली थी जान
इस दंतैल ने हाल ही में एक महिला की जान ली। वहीं इससे पहले एक ही दिन में एक ग्रामीण के अलावा वन विभाग (Forest Department) के जवान को कुचल कर मार डाला था। इसके बाद वह दंतैल हाथी (Elephant) आसपास के गांवों में पहुंचते हुए लगातार उत्पात मचाते हुए लोगों के घरों को भी तोड़ रहा था। इससे क्षेत्र में दहशत की स्थिति बनी हुई थी। इस बात को लेकर विभाग ने कार्य योजना के साथ रेस्क्यू किया।
अधिकारियों ने दूसरे हाथी ने छकाया
बताया जा रहा है कि जब विभागीय टीम उत्पाती दंतैल हाथी (Elephant) को पकडऩे के लिए मौके पर पहुंची थी और दंतैल को बेहोश किया। इसी समय एक दूसरा हाथी (Elephant) भी वहां पहुंच गया। बताया जा रहा है इस दूसरे हाथी का नेचर भी पहले हाथी की तरह ही उत्पाती था। ऐसे में उसे भी पकडऩे का निर्णय लिया गया। हालांकि देर शाम तक दूसरा उत्पाती वन विभाग के काबू में नहीं आया था, जबकि पहले उत्पाती हाथी को सरगुजा भेजने की तैयारी पूरी कर ली गई थी।
-उत्पाती हाथी (Elephant) को पकडऩे के लिए रेस्क्यू आपरेशन (Rescue operation) चलाया गया। इसमें एक उत्पाती दंतैल हाथी (Elephant) को पकड़ लिया गया। उसे सरगुजा के तमोर तिंगला अभ्यारण्य भेजा जाएगा- बीएस सरोटे, एसडीओ, धरमजयगढ़ वन मंडल
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