मौसम साफ होते ही ठंड ने अपना कड़ा रूख दिखाना शुरू कर दिया है। ठंडी हवाओं ने पहली बार मौसम में कंपकपी बढ़ने से लोग इस सीजन में पहली मर्तबा कांपते दिखाई दिए। बर्फीली हवाओं के कारण पारा तेजी से लुढ़क गया, लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेने मजबूर हुए। दिन में भी लोग गर्म कपड़ों के लबादे में नजर आए।
Weather Update: शीतलहर की चपेट में जिला
इस सीजन में पहली बार जिले में न्यूनतम तापमान 9 डग्री से नीचे आया है। लिहाजा लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ठंड के असर से लोगों की दिनचर्या काफी प्रभावित हो गई है। सुबह घर से निकलने वाले लोग स्वेटर, शाल पहने दिखाई दे रहे हैं। इधर चौक-चौराहों में अलाव जलाकर
ठंड से बचने की कोशिश में लोग नजर आ रहे हैं। वैसे पिछले 4 दिनों से सर्द मौसम ने अपना कड़ा रूख अख्तियार किया है। खुले स्थानों पर लोग कई जगह शाम के बाद अलाव का सहारा लेते भी देखे गए।
मौसम विभाग के अनुसार जिस तरह मानसून के चार महीने जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक
बारिश हो जाती है, ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं। इसलिए तापमान में अच्छी-खासी गिरावट आती है।
मौसम विभाग ने जारी की शीतलहर की चेतावनी
मौसम विभाग रायपुर ने 16 दिसंबर के लिए प्रदेश के कई जिलों के कुछ हिस्सों में शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की है। इसमें कोरबा जिले में भी एक-दो पाकेट में शीतलहर चलने की संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा के अनुसार इसके प्रभाव से उत्तरी से ठंडी हवा आने की संभावना है।
इसलिए 16 दिसंबर तक ठंड एक-दो स्थानों पर शीतलहर चलने की संभावना है। साथ ही मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इसके कारण आगे भी ठंड से राहत मिलने की संभावना है। इसके बाद हल्की राहत मिलने की संभावना है।
उत्तर से आ रही बर्फीली ठंडी हवा
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार शुरुआत से लॉ-नीना की स्थिति बनना शुरू हो जाएगी। प्रदेश के कई क्षेत्रों में रात के साथ दिन के तापमान में भी गिरावट होगी। मौसम का ट्रेंड देखें तो दिसंबर में स्ट्रांग वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आते हैं। वहीं उत्तरी हवाएं आने से दिन-रात के तापमान में गिरावट होती है। जम्मू हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फबारी शुरू हो गई। वहीं पश्चिम-उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम हवाएं यानी बर्फीली हवाएं 274 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगी। इससे सर्द हवाएं प्रदेश में आईं और कई शहर ठिठुर गए।
शीतलहर के दौरान बरतें ये सावधानी
यथासंभव घर पर ही रहें, ठंडी हवा से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। सूखा रहें। यदि गीले हो जाएं तो शरीर की गर्मी बचाने के लिए शीघ्रता से कपड़े बदले। नियमित रूप से गरम पेय का सेवन करें। बुजुर्ग और बच्चों की ठीक से देखभाल करें। उंगलियों, अंगुठों के सफेद होना या फीकापन, नाक के टिप में शीत दंश लक्षण नजर आने पर गर्म पानी डाले।
शराब का सेवन न करें, यह शरीर के तापमान को घटाता है।