बताया जाता है कि शिक्षा विभाग में वर्ष 2007-08 में रिक्त पदों पर भर्ती हुई थी। उस समय कोरबा जिले के साथ-साथ अन्य जिलों के उमीदवारों ने भी आवेदन भरा था। मेरिट सूची के आधार पर शिक्षा विभाग ने नियुक्ति प्रदान की थी। उक्त शिक्षक लगभग 17 साल से शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे थे। इस बीच विभाग को एक शिकायत प्राप्त हुई जिसमें चार शिक्षकों के नियुक्ति से संबंधित जमा की गई और सर्विस के दौरान विभाग के समक्ष प्रस्तुत की गई अंकसूची में अंतर का पता चला।
मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने जांच की शिकायत सही पाई गई। उन पर विभागीय कार्यवाही को लेकर फाइल जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की गई। विभागीय स्तर पर की गई जांच में पाए गए तथ्यों के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी ने चारों शिक्षकों को निलंबित कर दिया।
जिन शिक्षकों को निलंबित किया गया है उसमें शाउमावि करमंदी के प्रधान पाठक मिनेश कौशिक के अलावा शिक्षक विनोद निराला, रामलाल जांगड़े और दिलीप कुर्रे शामिल हैं। शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया है कि इनके निलंबन से संबंधित सूचना प्रदान की गई है।
विभाग का कहना है कि अभी बर्खास्त नहीं किया गया है। उन्हें मौका देकर ओरिजनल दस्तावेज विभाग के समक्ष प्रस्तुत करना और इस पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। इसके लिए उन्हें मियाद दी गई है। इसके बाद इन्हें बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
डीईओ टीपी उपाध्याय ने बताया कि चारों शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इससे संबंधित फाइल जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी कोरबा को भेज दी गई है।