वितरण विभाग के शहर के अलग-अलग जोन में जिस तरह की समस्या सामने आ रही है। उससे स्पष्ट है कि अभी 11 केवी की लाइन में लोड फैक्टर काफी अधिक है। इसी लोड फैक्टर की वजह से बिजली की लाइन के अलावा ट्रांसफार्मर में दबाव बढ़ रहा है। विशेषकर फरवरी से लेकर जून तक पावर कट की समस्या सबसे अधिक बढ़ जाती है।
अभी स्थिति ये है कि एक जगह समस्या आने पर आधे शहर की आपूर्ति बंद करनी पड़ती है। लंबे समय से एक अतिरिक्त लाइन बिछाने की मांग की जाती रही है, ताकि लोड फैक्टर कम हो और मेंटनेंस के नाम पर सभी क्षेत्र में आपूर्ति बाधित न करना पड़े। इसके लिए कोरबा शहर में 37 किमी लंबी लाइन बिछाने के लिए अनुमति डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने दे दी है। बताया जा रहा है कि चुनाव निपटते ही इस दिशा में काम शुरू होगा।
साढ़े आठ करोड़ रूपए आएगी लागत 11 केवी की 37 किमी लंबी नई लाइन बिछाने के लिए डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा करीब साढ़े आठ करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। इसमें अलग-अलग क्षमता के ट्रांसफार्मर भी लगाए जाएंगे। अभी शहर में तीन नए सबस्टेशन का निर्माण चल रहा है। नई लाइन बिछने के बाद इन लाइनों को आपस में जोड़ा जाएगा। इससे लोड फैक्टर में कमी आएगी।
लॉस कम करने के लिए जल्द शुरू होगा काम लॉस कम करने के लिए भी वितरण विभाग ने काम शुरु कर दिया है। केन्द्र सरकार की स्कीम के तहत ये काम होगा। प्रदेश में करीब चार हजार करोड़ इस कार्य में खर्च होंगे। अधिक लॉस वाले शहरों में पहली प्राथमिकता के साथ काम होना है। इसमें कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर शहर प्रमुख है।
आने वाले सीजन में बनी रह सकती है परेशानी हालांकि जितने भी नए प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं उनमें अभी देरी है। काम शुरु हो भी जाए तो पूरे होने में कम से कम छह से आठ माह का समय लगना है। तीन महीने बाद बिजली की परेशानी शुरु हो जाएगी। तब तक वैकिल्पक व्यवस्था पर ध्यान देने की जरुरत है। ताकि लोगों को परेशानी का सामना कम से कम करना पड़े।