इस बार मैदान में बांस व लकड़ी उपयोगिता को कम किया गया है। इसकी जगह प्लांट से निकले अनुपयोगी लोहे से बनाया जा रहा है। पुतला का स्ट्रक्चर ट्रस से बनाया गया है। यह वर्गकार में होता है। इसके अलावा वेल्डिंग कर पुतला निर्माण का कार्य जारी है। यह पुतला लोगाें के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। हसदेव ताप विद्युत परियोजना की ओर से नए तकनीकी के उपयोग से रावण के पुतला बनाने की पहल लोगों के लिए खास बना हुआ है। इस पुतले का निर्माण के लिए विद्युत कंपनी के कर्मचारी कार्य में जुटे हुए हैं। दशहरा मैदान में इस बार दशहरा उत्सव का 39 वर्ष होगा। इसके अलावा शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में दशहरा उत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। समितियों की ओर से विशेष तैयारियां की जा रही है।
सार्वजनिक युवा दुर्गा उत्सव समिति के सदस्य नरेंद्र चंद्रा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षा व सुरक्षा को लेकर इस बार नए पहर का प्रयास किया गया है। इससे पुतला निर्माण की लागत में कमी आएगी।
समिति के सदस्य ने बताया कि पिछले साल दशहरा उत्सव पर 108 फीट ऊंचा रावण के पुतला का दहन किया गया था। इस बार दो फीट ऊंचाई बढ़ने की संभावना है। इन स्थानों पर दशहरा उत्सव की तैयारी
शहरी क्षेत्र के मुड़ापार, आरपी नगर फेस वन, पुराना बस स्टैंड, महाराणा प्रताप नगर, पुरानी बस्ती, सर्वमंगला नगर दुरपा से लेकर अन्य उपनगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में पुतला निर्माण का कार्य जोरों पर है। रावण दहन से पहले पटाखों की जमकर आतीशबाजी की जाएगी। पटाखों की रोशनी से रंगी-बिरंगे आसमान लोगाें के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। इसके अलावा बच्चों के द्वारा भी गली-मोहल्ले में रावण दहन की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसे लेकर बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है।