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रक्षा बंधन के दिन ही बहन हो गई विधवा.. गुस्से में मुंह बोले भाई ने युवक की कर दी हत्या, इलाके में सनसनी उल्लेखनीय है कि चंद्रयान- 3 के सफलतापूर्वक चंद्रमा पर दक्षिणी गोलार्ध में सॉफ्ट लैंडिंग किए जाने पर जहां पूरे देश में खुशी का वातावरण निर्मित हो गया वहीं इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचने वाली इसरो बेंगलुरू की टीम में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले युवा वैज्ञानिक मिथलेश साहू निवासी ग्राम भानपुरी गुरुर जिला बालोद कि सहभागिता से पूरा क्षेत्र उत्साहित होकर गर्व महसूस कर रहा है। क्योंकि एक छोटे से ग्राम में जन्म लेकर पिता रिटायर्ड एचएम ललित साहू तथा माता पार्वती साहू के सुपुत्र इसरो के चंद्रयान – 3 में अपनी सहभागिता देकर पूरे छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया।
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बेटी मुझे माफ करना.. सुसाइड नोट लिखकर कर्मचारी ने दफ्तर में की खुदकुशी, इलाके में सनसनी बांधा रक्षाबंधन, मिला आशीषयुवा वैज्ञानिक मिथलेश साहू की छोटी बहन सरिता साहू जो फरसगांव निवासी है। उन्होंने एक महीना पहले अपने भाई को राखी बांध चुकी है। पत्रिका की टीम ने जब उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि उनके भाई 2017 में इसरो की टीम का हिस्सा बने, इसरो में काम करते हुए 7 साल हो गया, इतने सालों में एक बार भी उनके कलाई पर राखी बांधने का मौका नहीं मिला, हर साल रक्षाबंधन के लिए राखी पोस्ट के माध्यम से भेज दिया करती थी और वीडियो कॉल से बात करके रक्षाबंधन त्योहार मनाते थे।
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Weather Update : रक्षाबंधन में जमकर बरसे बादल, इन जिलों में होगी झमाझम बारिश, यहां देखें IMD का पूर्वानुमान सात साल के बाद इस अगस्त के महिने में 1 अगस्त को एक दिन की छुट्टी पर उनके भाई घर आए थे तो हम भाई बहनों ने एक महीना पहले ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया है। भाई राखी पर मुझे तरह तरह के उपहार दिया करते है, लेकिन इस साल मेरे भाई व उनकी टीम ने चन्द्रयान-3 का सफलता पूर्वक लैंडिंग किया है वो सबसे बड़ा उपहार हम बहनों को दिया है। देश का नाम दुनिया में ऊंचा करने का जो हमें तोहफा मिला यही रक्षाबंधन पर सबसे बड़ा तोहफा है। मुझे मेरे भाई पर बहुत गर्व है, जो देश के लिए इसरों की टीम में काम कर रहे हैं, मैं इसरो की पूरी टीम को चन्द्रयान -3 की सफलता के लिए बधाई देती हूं। बहन ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन और देश के गौरव चंद्रयान-3 की सफलता को एक साथ सेलिब्रेट करेंगी।