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कोंडागांव

Navratri 2024: इस मंदिर में विदेशियों की एंट्री नहीं.. कलश स्थापना के लिए दूर-दूर से आती है भक्तों की अर्जियां

Navratri 2024: दंतेश्वरी माता को लेकर लोगों की आस्था ऐसी कि स्थानीय के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां पहाड़ी पर एक दर्जन से ज्यादा मंदिर हैं।

कोंडागांवOct 05, 2024 / 02:37 pm

Laxmi Vishwakarma

Navratri 2024
Navratri 2024: कोंडागांव में स्थित रियासत कालीन नगरी बड़ेडोंगर की महिषासुर मर्दिनी पहाड़ी पर विराजित माता दंतेश्वरी के मंदिर में साल में दो बार चैत्र और कुवार नवरात्र में ज्योति कलश की स्थापना पूरे विधि विधान और वैदिक मंत्रोपचार के साथ होती है। माता दंतेश्वरी पर भक्तों की आस्था का अंदाजा इस बात से भी लगाई जा सकती है कि, यहां ज्योति कलश जलने वालों में न केवल राज्य के बल्कि अन्य राज्यों के लोग भी बड़ी संख्या में यहां ज्योति कलश जलवाते है।

Navratri 2024: ज्योति कलश स्थापना के लिए भक्तों की आती है अर्जियां

मंदिर समिति से मिली जानकारी के मुताबिक इस नवरात्र में मध्यप्रदेश, उड़ीसा, तेलंगाना, महाराष्ट्र व आंध्र प्रदेश के भक्तों ने बड़ी संख्या में माता के मंदिर में आस्था के ज्योत प्रज्वलित करवाए हैं। समिति की माने तो कुछ वर्ष पहले तक यहां विदेश से भी ज्योति कलश स्थापना के लिए भक्तों की अर्जियां आती रही हैं।
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यहां विदेशी भक्तों की एंट्री नहीं

लेकिन कोरोना काल के बाद से इस मंदिर में विदेशी भक्तों की एंट्री नहीं आ रही है, लेकिन माता के दर्शन के लिए हर साल देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं। Navratri 2024 पहाड़ी पर विराजित माता की प्रतिमा को बस्तर राज परिवार के द्वारा स्थापित करवाया गया था। वही राज परिवार की आस्था भी इस पहाड़ी से होना बताया जाता है। क्योंकि इसी पहाड़ी की तराई पर स्थित एक शीला पर राज अभिषेक की परंपरा अब भी होती है।

200 से ज्यादा ज्योति कलश की स्थापना हो चुकी

Navratri 2024: इस पहाड़ी पर ही रियासत काल में माता दंतेश्वरी मंदिर के साथ ही अन्य मंदिरों की भी स्थापना राज परिवार के द्वारा किया जाना यहां के बुजुर्ग ग्रामीण बताते हैं। जिसमें हीरा कुवर मंदिर, फूल कुवर मंदिर, बालकुवर मंदिर, नर्सिहनाथ, बालाजी, मलीयारी माता, भंगाराम व रणवीर मंदिर शामिल हैं। जहाँ सभी मंदिरों में ज्योति कलश की स्थापना होती है। यहाँ अब तक 200 से ज्यादा ज्योति कलश की स्थापना हो चुकी है।

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