मोहन मरकाम का राजनितिक सफर
कोंडागांव के टेंडमुंडा गांव में 15 सितम्बर 1967 को जन्म हुआ। इनके पिता का नाम स्व. भीखराय मरकाम जिनके आय का मुख्य साधन कृषि था । 7 भाई व 2 बहनों में मरकाम जी 5 वीं सन्तान थे ।हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी माकड़ी व काॅलेज की पढ़ाई कांकेर महाविद्यालय से भूगोल विषय से एमए किया।जानिये, सुप्रीम कोर्ट के किस आर्डर का विरोध करने की अपील कर रहे Naxalite
इस दौरान एनसीसी से गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया। छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। विभिन्न सामाजिक संगठनों में काम किया। इनकी रूचि कानून की पढाई में भी रही इसके लिए इन्होंने जगदलपुर में रहकर 2 वर्षों तक कानून की पढाई की । इस बीच शासकीय नौकरी मिलने से कानून की पढ़ाई बीच में ही छुट गई । इन्होने शिक्षाकर्मी आैर एलआर्इसी में विकास अधिकारी की नौकरी की।मनोज मंडावी भी माने जा रहे थे प्रबल दावेदार
राहुल गांधी ने कोंडागांव विधायक (Kondgaon MLA Mohan Markam) मोहन मरकाम और भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मंडावी को अपने आवास पर मुलाकात के लिए बुलाया था। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया दोनों को लेकर राहुल गांधी के घर पहुंचे थे। वहां राहुल ने मोहन मरकाम (Chhattisgarh congress president Mohan Markam) और मनोज मंडावी से अलग-अलग मुलाकात की थी।चाउमीन खाने से पहले पढ़ें ये खबर, फट चूका है एक बच्चे का फेफड़ा
करीब 20-20 मिनट की इन मुलाकातों के दौरान पीएल पुनिया भी मौजूद रहे। मोहन मरकाम ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया था। राहुल मिनट गांधी ने इस मुलाकात में दोनों विधायकों से उनकी सामाजिक-राजनीतिक पृष्ठभूमि की जानकारी ली थी । उनसे पूछा था कि वे कब से विधायक हैं, विधानसभा और उसके बाहर जनता के मसलों पर उनकी सक्रियता कैसी है।