दिल्ली से कोलकाता लौटने से पहले शोभन चटर्जी ने रविवार को ई-मेल के जरिए पत्र भेज कर अपने जान को खतरा को टालने के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त से अपनी सुरक्षा व्यवस्था बहाल रखने की मांग की। इससे पहले उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर सुरक्षा व्यवस्था देने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस और प्रशासन को एक कर दिया है।
कोलकाता पलिस ने शोभन चटर्जी की सुरक्षा व्यवस्था दोबारा बहाल करने के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं किया। कहा गया है कि चटर्जी की पूरी सुरक्षा व्यवस्था हटाई नहीं गई है। लेकिन गृह मंत्रालय ने चटर्जी को सुरक्षा देने का फैसला कर लिया है।
गृहमंत्रालय के सूत्रों के अनुसार कोलकाता के पूर्व मेयर को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया गया है। शोभन चटर्जी के साथ उनके साथ भाजपा में शामिल होने वाली डॉ. बैशाली बंद्योपाध्याय को भी केन्द्र सुरक्षा मुहैया कराएगा। रविवार शाम को उनके कोलकाता लौटने से पहले केन्द्रीय सुरक्षा कर्मियों ने शोभन चटर्जी के घर का निरीक्षण कर लिया है।
केन्द्र सरकार की ओर से नेताओं और महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दिए जाने वाली सुरक्षा में शोभन चटर्जी को मिलने वाली सुरक्षा तीसरे दर्जे की है, जिसके तहत उनकी सुरक्षा में 11 कमांडों तैनात होंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने
शोभन चटर्जी को केन्द्रीय सुरक्षा मिलने की पुष्टी करते हुए दावा किया कि गृहमंत्रालय ने सुरक्षा देने का निर्देश दे दिया है।
राज्य सरकार की बर्बरता के कारण हटाई गई सुरक्षा
पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में पूर्व मेयर शोभन चटर्जी ने लिखा है कि कोलकाता पुलिस ने शनिवार को बिना किसी सूचना के उनकी सुरक्षा में तैनात सभी सुरक्षा कर्मियों को हटा लिया। इसके पीछे उनके खिलाफ राज्य सरकार की बर्बरता हो सकती है। लेकिन वे अभी भी विधायक हैं और पुलिस को उनके खिलाफ ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि प्रशासन की नजर में सभी एक समान है।
बेहाला पुर्व विधानसभा क्षेत्र से विधायक चटर्जी ने ममता बनर्जी सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रह चुके हैं। पुलिस आयुक्त को लिखे अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि वे 22 नवंबर 2018 को मेयर और मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। फिर भी राज्य सरकार और पुलिस विभाग ने उनकी सुरक्षा व्यवस्था कम नहीं की।
और जब वे भाजपा में शामिल हो गए तो उनकी सुरक्षा हटा ली गई, जबकि उनका जीवन और सम्मान दांव पर है। असामाजिक तत्वों के अलावा उन्हें अपनी पत्नी से अपने जान को खतरा है, जिनके खिलाफ तलाक का मुकदमा किया है। हाल ही में उन पर हमला किया गया है। रायचक में उस पर हुआ हमला प्रशासन के लिए आंखें खोलने वाला होना चाहिए।