कोलकाता

देश की राष्ट्रीय राजनीति: अब जनाधार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी माकपा: प्रकाश करात

देश की राष्ट्रीय राजनीति में सिकुड़ती जा रही माकपा अब अपना जनाधार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। रविवार को पार्टी के अंतरिम संयोजक प्रकाश करात ने कहा कि माकपा की 24वीं पार्टी कांग्रेस अप्रेल के पहले सप्ताह में तमिलनाडु के मदुरई में होगी। यह दो से छह अप्रेल तक चलेगी। इस बार फोकस माकपा को मजबूत करने और अपना जनाधार बढ़ाने पर होगा। पार्टी कांग्रेस में हम चर्चा करेंगे कि माकपा को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में कैसे मजबूत किया जाए, कैसे पार्टी के राजनीतिक प्रभाव और जनाधार को बढ़ाया जाए।

कोलकाताJan 22, 2025 / 05:22 pm

Rabindra Rai

देश की राष्ट्रीय राजनीति: अब जनाधार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी माकपा: प्रकाश करात

पार्टी को मजबूती देने के साथ राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने पर होगा फोकस, माकपा की 24वीं पार्टी कांग्रेस अप्रेल के पहले सप्ताह में

देश की राष्ट्रीय राजनीति में सिकुड़ती जा रही माकपा अब अपना जनाधार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। रविवार को पार्टी के अंतरिम संयोजक प्रकाश करात ने कहा कि माकपा की 24वीं पार्टी कांग्रेस अप्रेल के पहले सप्ताह में तमिलनाडु के मदुरई में होगी। यह दो से छह अप्रेल तक चलेगी। इस बार फोकस माकपा को मजबूत करने और अपना जनाधार बढ़ाने पर होगा। पार्टी कांग्रेस में हम चर्चा करेंगे कि माकपा को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में कैसे मजबूत किया जाए, कैसे पार्टी के राजनीतिक प्रभाव और जनाधार को बढ़ाया जाए। आगामी पार्टी कांग्रेस के लिए राजनीतिक प्रस्ताव के मसौदे पर चर्चा के लिए कोलकाता में आयोजित तीन दिवसीय केंद्रीय समिति की बैठक संपन्न होने बाद उन्होंने ये बाते कहीं। करात ने कहा कि हमारा मानना है कि पार्टी का जनाधार बढ़ाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि हाल के वर्षों में देश में वामपंथी शक्ति का विस्तार नहीं हुआ है। माकपा ने 2024 के लोकसभा चुनावों में 52 उम्मीदवार उतारे थे लेकिन, सिर्फ चार सीटें ही जीतीं। तमिलनाडु में दो, केरल और राजस्थान में एक-एक सीट जीतीं। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में 43 सीटें और 5.4 प्रतिशत वोट पाकर माकपा चरम पर पहुंची थी।

माकपा महासचिव का भी होगा चुनाव

करात ने कहा कि पार्टी के शीर्ष पद महासचिव के चुनाव पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा, जो पिछले वर्ष सीताराम येचुरी के निधन के बाद से रिक्त है। इसके अलावा पार्टी कांग्रेस में, माकपा अपनी नई केंद्रीय समिति और नया पोलित ब्यूरो का भी चुनाव करेगी। तैयारियों के तहत पार्टी राज्य स्तरीय कई बैठकें कर रही है। माकपा नेतृत्व श्रृंखला में पोलित ब्यूरो के बाद केंद्रीय समिति दूसरे स्थान पर है। इस बैठक में पेश किए गए प्रस्ताव पर पार्टी कांग्रेस में बहस की जाएगी और इसे अपनाया जाएगा और विभिन्न मुद्दों पर पार्टी की लाइन तय की जाएगी

भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष अहम

पार्टी के पूर्व महासचिव करात ने कहा कि वाम दलों की एकता भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। पार्टी कांग्रेस में इस मुद्दे को भी उठाया जाएगा। हम पहले से ही इस पर काम कर रहे हैं कि सभी वामपंथी दलों और ताकतों को एक साथ कैसे एकजुट किया जाए, ताकि हम वामपंथी मंच और वैकल्पिक नीतियों को पेश कर सकें। एक मजबूत वाम दल सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एक मजबूत, एकजुट विपक्ष के निर्माण में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई विरोधाभास नहीं है। हमें लगता है कि मजबूत वामपंथ ही भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष बनाने में योगदान देगा और वह धर्मनिरपेक्ष दलों का होगा। वामपंथी इस व्यापक एकता के महत्वपूर्ण घटक होंगे। माकपा और अन्य वामपंथी दल भाजपा के खिलाफ बने विपक्षी गठबंधन इंडिया के हिस्सा हैं।

येचुरी की अनुपस्थिति महसूस

करात ने कहा कि येचुरी की अनुपस्थिति महसूस की जा सकती है लेकिन, पार्टी के पास एक मजबूत, सामूहिक नेतृत्व है। हमारी पार्टी के लिए, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ रहा है, हमने अभी से अपनी पार्टी कांग्रेस की तैयारी शुरू थी, जो आम तौर पर बैठक से छह महीने पहले शुरू होती है। माकपा के संविधान के अनुसार, अखिल भारतीय पार्टी कांग्रेस पार्टी का सर्वोच्च अंग है और आम तौर पर यह केंद्रीय समिति की ओर से हर तीन साल में एक बार आयोजित की जाती है।

नामों के एक पैनल की करेगी सिफारिश

24वीं पार्टी कांग्रेस की बैठक में, निवर्तमान केंद्रीय समिति उत्तराधिकारी समिति के चुनाव के लिए नामों के एक पैनल की सिफारिश करेगी। एक प्रतिनिधि प्रस्तावित पैनल में किसी भी नाम के बारे में आपत्ति उठा सकता है और साथ ही सदस्य की पूर्व अनुमति से कोई नया नाम प्रस्तावित कर सकता है। इसके बाद केंद्रीय समिति अपने सदस्यों में से महासचिव सहित एक पोलित ब्यूरो का चुनाव करती है। पोलित ब्यूरो में सदस्यों की संख्या केंद्रीय समिति की ओर से तय की जाती है। फिलहाल माकपा पोलित ब्यूरो में 16 और केंद्रीय समिति में 83 सदस्य हैं।

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