उन्होंने बताया कि 40 फीट ऊंचाई वाले मुरुगन टेम्पल का निर्माण प्रशांत पाल ने किया है। मंडप मुरुगन से जुड़ी लोक कला को दर्शाने का प्रयास किया गया है। इसको बनाने में 2 लाख थर्माकोल सीट का इस्तेमाल किया गया है। पिछली बार स्वर्ण जयंती के अवसर पर पद्मावत की अनुकृति का पूजा मंडल बनाया गया, जिसे लोगों ने खूब सराहा। उन्होंने वर्ष 1969 से दुर्गापूजा की शुरुआत 39 नंबर तारा चंद दत्त स्ट्रीट शुरू की गई। 11 साल दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार ने बिना किसी शर्त के इस पूजा को मोहम्मद अली पार्क में करने की अनुमति दे दी। 50 साल तक पूजा मोहम्मद अली पार्क में हुई। पार्क की एक दीवार ढहने के बाद यादवपुर विश्वविद्यालय और कोलकाता नगर निगम ने मिट्टी नरम होने के कारण इस साल पूजा मोहम्मद अली पार्क में करने की अनुमति नहीं दी। एक साल के लिए पूजा को यहां शिफ्ट किया गया है। अगले साल से पुन: पूजा मोहम्मद अली पार्क में होगी। इस बार पूजा का बजट 40 लाख रुपए है। बजट में हमारे 30 सदस्य ही अपनी ओर से मदद कर रहे हैं। पूजा के माध्यम से हम जल व पेड़ पौधों को बचाने का संदेश देते हैं।
पूजा राजनीति से ऊपर उठकर संयुक्त सचिव अशोक ओझा ने कहा कि पूजा राजनीति से ऊपर उठकर की जाती है। हमारा प्रयास यही होता है। पूजा आयोजक मोहम्मद शाहिद साही ने कहा कि लंबे समय से इस पूजा से जुड़े हैं। काफी अच्छा लगता है। पूजा के अध्यक्ष हेमचंद जैन, चेयरमैन मनोज पोद्दार, कार्यकारी अध्यक्ष प्रमोद चांडक, कोषाध्यक्ष सुभाष गोयनका, संयुक्त सचिव पवन शर्मा व पवन बंसल, आयोजक में अनिल शर्मा, शशिकांत शर्मा, संजीव शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।