50 गवाहों से पूछताछ
महिला ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले की बंद कमरे में सुनवाई 12 नवंबर को शुरू हुई और 50 गवाहों से पूछताछ की गई। संजय रॉय के मुकदमे की सुनवाई नौ जनवरी को पूरी हुई। पीडि़ता के माता-पिता ने कहा कि अपराध में अन्य लोग भी शामिल थे। उन्हें उम्मीद है कि अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने मामले की पूरी जांच की मांग करते हुए अदालत में आवेदन भी दायर किया है। इस अपराध के बाद कोलकाता में जूनियर चिकित्सकों ने पीडि़ता के लिए न्याय और सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाने की मांग करते हुए लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया।
अपराध का भारी विरोध, पीडि़ता के लिए न्याय की मांग
भाजपा और माकपा सहित विपक्षी राजनीतिक दलों ने इस जघन्य अपराध का विरोध किया लेकिन, पीडि़ता के लिए न्याय की मांग करने वाले गैर-राजनीतिक आंदोलन अधिक सक्रिय रहे। कोलकाता और राज्य के कुछ अन्य शहरों में नागरिकों ने पीडि़त ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए आधी रात में रैलियां निकालीं। पीडि़त ट्रेनी डॉक्टर को कुछ लोगों ने अभया जबकि अन्य ने तिलोत्तमा नाम दिया। दुष्कर्म पीडि़ता की पहचान उजागर करना कानून द्वारा निषिद्ध है। सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टरके साथ बलात्कार और हत्या के मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए देश भर में चिकित्सकों और अन्य चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए एक प्रोटोकॉल सुझाने के लिए एक राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) का गठन किया। एनटीएफ ने पिछले वर्ष नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट दायर की थी।