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कोलकाता

भारत बंद का पश्चिम बंगाल में कितना असर! जाने विस्तार से…

केन्द्र सरकार की आर्थिक और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियनों की तरफ से बुधवार को बुलाए गए भारत बंद का पश्चिम बंगाल में…असर देखने को मिल सकता है…

कोलकाताJan 07, 2020 / 10:46 pm

Ashutosh Kumar Singh

भारत बंद, पश्चिम बंगाल में कितना असर!

भारत बंद, पश्चिम बंगाल में कितना असर!

कोलकाता
केन्द्र सरकार की आर्थिक और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियनों की तरफ से बुधवार को बुलाए गए भारत बंद का पश्चिम बंगाल में कम असर देखने को मिल सकता है। ममता सरकार ने बंद का समर्थन नहीं करने का ऐलान किया है। सरकार ने कोलकाता समेत पूरे राज्य में सबकुछ सामान्य रखने के लिए व्यापक तैयारी की है। सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को काम पर नहीं आने पर वेतन काटने की चेतावनी दी है, पुलिस को जबरन बंद करवाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वह सीएए और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करती हैं लेकिन उनकी सरकार बंद का समर्थन नहीं करती। बंद से आम जनता को परेशानी होती है और आर्थिक नुकसान होता है।
परिवहन मंत्री शुभेन्दु अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि सरकार की ओर से 22 प्रतिशत अधिक बसों का संचालन किया जाएगा। पश्चिम बंगाल परिवहन निगम की ओर से प्रतिदिन लगभग ९०० बसें चलाई जाती हैं, बुधवार को 1,150 बसें चलेंगी। मंत्री ने कहा कि बंद के दौरान क्षतिग्रस्त होने पर पंजीकृत वाहनों को 6 लाख रुपए का बीमा दिया जाएगा। वाहनों को नुकसान पहुंचने पर 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज कराने को कहा गया है। सेवा सामान्य रखने के लिए निजी बसें, टैक्सी और ऐप कैब ऑपरेटरों के संघों के साथ बातचीत की गई है।
25 करोड़ के शामिल होने का दावा
भारत बंद में आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी,एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए,एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। वामदलों ने हड़ताल का समर्थन किया है। इसके अलावा 60 स्टूडेंट यूनियनों और यूनिवर्सिटीज के अधिकारियों ने भी हड़ताल का हिस्सा बनने का ऐलान किया है। शिक्षा संस्थान फीस बढ़ोतरी और शिक्षा के वाणिज्यीकरण का विरोध करेंगे। ट्रेड यूनियनों ने जेएनयू हिंसा और विश्वविद्यालयों में हो रही ऐसी घटनाओं की निंदा करते हुए छात्रों का साथ देने का फैसला किया है। ट्रेड यूनियनों का दावा है कि इस बंद में करीब 25 करोड़ लोग शामिल होंगे।

एटीएम में कैश की किल्लत संभव
पांच बैंक संगठनों ने हड़ताल का समर्थन किया है। बैंकों के बंद रहने से एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है। यह असर 9 जनवरी को भी दिखाई दे सकता है। हालांकि ऑनलाइन बैंकिंग सेवा पर कोई असर नहीं होगा। एसबीआई ने कहा कि कि कामकाज पर आंशिक असर होगा। निजी बैंकों के कामकाज पर असर होने की संभावना नहीं है।

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